ब्लैकमेल से टूटा सिपाही, बरेली में फांसी लगाकर दी जान:शादी तय होने के बाद घर में काम करने वाली महिला करने लगी थी ब्लैकमेल

ब्लैकमेल से टूटा सिपाही, बरेली में फांसी लगाकर दी जान:शादी तय होने के बाद घर में काम करने वाली महिला करने लगी थी ब्लैकमेल

बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में तैनात सिपाही शिवकुमार ने एक महिला की ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर 21 अगस्त को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बताया गया कि सिपाही की शादी तय होने के बाद से ही महिला उसे लगातार धमका रही थी और शादी करने के लिए दबाव बना रही थी। अब सिपाही के भाई की तहरीर पर पुलिस ने महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। किराए के मकान में रहता था सिपाही मेरठ के ग्राम खाता, थाना फलावदा निवासी आदेश कुमार ने बताया कि उनका भाई शिवकुमार उत्तर प्रदेश पुलिस में 2021 में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था। 8 अप्रैल 2023 से उसकी तैनाती बिथरी चैनपुर थाने में थी। शिवकुमार थाना क्षेत्र के ग्राम बिथरी चैनपुर में सरकारी अस्पताल के सामने भूरे कश्यप के मकान में किराए पर रहता था। खाना बनाने आई महिला ने रचा जाल आदेश कुमार ने बताया कि उस मकान में दो कमरे थे- एक में शिवकुमार और उसका साथी सिपाही सचिन रहते थे, जबकि दूसरे में सिपाही आकाश और विकास रहते थे। चारों ने करीब दस माह पहले खाना बनाने के लिए सीता देवी नाम की महिला को रखा था, जिसे चार हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाते थे। इसी दौरान सीता ने शिवकुमार को अपने जाल में फंसा लिया और ब्लैकमेल करने लगी। शादी तय होते ही शुरू हुआ दबाव आरोप है कि जब शिवकुमार की शादी तय हो गई तो महिला को इसकी भनक लग गई। इसके बाद उसने उसे शादी के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया और धमकी दी कि अगर उसने शादी उससे नहीं की तो वो उसकी बदनामी कर देगी। शिवकुमार मानसिक रूप से परेशान हो गया। घर वालों से की थी अंतिम शिकायत 13 अगस्त को शिवकुमार छुट्टी पर घर आया था। उसने अपने परिवार को बताया कि एक महिला उसे ब्लैकमेल कर रही है। परिवार ने समझाया कि वह ड्यूटी पर लौटकर इस मामले की शिकायत करे। लेकिन 21 अगस्त को ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद महिला का दबाव इतना बढ़ गया कि उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। पुलिस ने दर्ज की FIR सिपाही के भाई आदेश कुमार की तहरीर पर पुलिस ने सीता देवी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बरेली पुलिस अब महिला के मोबाइल कॉल डिटेल्स और चैट रिकॉर्ड खंगाल रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ब्लैकमेलिंग का सिलसिला कब से चल रहा था और किन हालातों ने सिपाही को आत्महत्या के लिए मजबूर किया।

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