जमशेदपुर के मानगो में चार दिवसीय नेशनल आर्ट कैंप और पेंटिंग वर्कशॉप का शुभारंभ हुआ है। वन विभाग के सभागार में आयोजित इस शिविर में देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 25 प्रतिष्ठित कलाकार भाग ले रहे हैं। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य कला के विविध स्वरूपों पर चर्चा करना, नई पीढ़ी में कला के प्रति रुचि जागृत करना और कलाकारों को एक साझा मंच प्रदान करना है। यह कला प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। शहर की जानी-मानी पेंटर मुक्ता गुप्ता इस राष्ट्रीय स्तर के कला शिविर का संचालन कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वर्कशॉप में आधुनिक कला, लोककला और एब्सट्रैक्ट पेंटिंग जैसी विभिन्न शैलियों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, कला क्षेत्र की चुनौतियों, नई तकनीकों और कला बाजार की बदलती प्रवृत्तियों पर भी विचार-विमर्श होगा। पहले दिन के उद्घाटन सत्र में स्थानीय कलाकारों, कला विद्यार्थियों और संस्कृति प्रेमियों की उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज की गई। मुक्ता गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा, “आज के समय में कला केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि समाज से संवाद का सशक्त ज़रिया है। हमें युवा पीढ़ी को इस दिशा में प्रेरित करना चाहिए ताकि वे अपनी कल्पनाओं को रंगों के माध्यम से समाज के सामने प्रस्तुत कर सकें।” वर्कशॉप के दौरान प्रतिभागियों को प्रायोगिक कला सत्र, ओपन डिस्कशन, लाइव पेंटिंग प्रदर्शन और मेंटरशिप प्रोग्राम के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें दिल्ली, मुंबई, जयपुर, रांची, पटना, कोलकाता और भोपाल सहित विभिन्न शहरों के कलाकार शामिल हैं। सेमिनार के अंतिम दिन एक कला प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। इसमें चार दिनों के दौरान तैयार की गई चुनिंदा पेंटिंग्स को प्रदर्शित किया जाएगा। आम नागरिकों को भी इस प्रदर्शनी में आमंत्रित किया जाएगा ताकि वे देश के विभिन्न हिस्सों की कलात्मक विविधता को देख सकें। जमशेदपुर के मानगो में चार दिवसीय नेशनल आर्ट कैंप और पेंटिंग वर्कशॉप का शुभारंभ हुआ है। वन विभाग के सभागार में आयोजित इस शिविर में देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 25 प्रतिष्ठित कलाकार भाग ले रहे हैं। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य कला के विविध स्वरूपों पर चर्चा करना, नई पीढ़ी में कला के प्रति रुचि जागृत करना और कलाकारों को एक साझा मंच प्रदान करना है। यह कला प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। शहर की जानी-मानी पेंटर मुक्ता गुप्ता इस राष्ट्रीय स्तर के कला शिविर का संचालन कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वर्कशॉप में आधुनिक कला, लोककला और एब्सट्रैक्ट पेंटिंग जैसी विभिन्न शैलियों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, कला क्षेत्र की चुनौतियों, नई तकनीकों और कला बाजार की बदलती प्रवृत्तियों पर भी विचार-विमर्श होगा। पहले दिन के उद्घाटन सत्र में स्थानीय कलाकारों, कला विद्यार्थियों और संस्कृति प्रेमियों की उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज की गई। मुक्ता गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा, “आज के समय में कला केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि समाज से संवाद का सशक्त ज़रिया है। हमें युवा पीढ़ी को इस दिशा में प्रेरित करना चाहिए ताकि वे अपनी कल्पनाओं को रंगों के माध्यम से समाज के सामने प्रस्तुत कर सकें।” वर्कशॉप के दौरान प्रतिभागियों को प्रायोगिक कला सत्र, ओपन डिस्कशन, लाइव पेंटिंग प्रदर्शन और मेंटरशिप प्रोग्राम के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें दिल्ली, मुंबई, जयपुर, रांची, पटना, कोलकाता और भोपाल सहित विभिन्न शहरों के कलाकार शामिल हैं। सेमिनार के अंतिम दिन एक कला प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। इसमें चार दिनों के दौरान तैयार की गई चुनिंदा पेंटिंग्स को प्रदर्शित किया जाएगा। आम नागरिकों को भी इस प्रदर्शनी में आमंत्रित किया जाएगा ताकि वे देश के विभिन्न हिस्सों की कलात्मक विविधता को देख सकें।


