पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 1947 में अमृतसर जिले में मुस्लिम प्रवासियों द्वारा छोड़ी गई जमीनों के अवैध निजी अधिग्रहण के आरोपों की जांच सेंट्रल ब्यूरो आफ इनवेस्टीगेशन (CBI) को करने के आदेश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि CBI इसकी जांच 29 जनवरी 2026 तक दे। न्यायालय ने कहा कि “कानूनी प्रक्रिया के नाम पर” निजी व्यक्तियों द्वारा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के आरोप गंभीर हैं और इसकी गहन जांच की आवश्यकता है। न्यायमूर्ति हरसिमरन सिंह सेठी और न्यायमूर्ति विकास सूरी की खंडपीठ ने सीबीआई को आदेश दिया कि वह इस बात की जाँच करे कि क्या निजी व्यक्ति सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर सरकारी ज़मीन हड़प रहे हैं। एजेंसी को अब तक के सभी राजस्व रिकॉर्ड की जाँच करने को कहा है। अदालत को बताया गया कि निजी व्यक्तियों ने दो गावों में लगभग 1,400 कनाल ज़मीन पर स्वामित्व का दावा किया है, जबकि सात अन्य गावों में भी इसी तरह के दावे किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह ज़मीन मूल रूप से विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए मुसलमानों की खाली पड़ी संपत्ति थी। प्वाइंट में देखिए दायर याचिका में क्या जानिए अदालत ने क्या दिए आदेश


