जालौन में अत्यधिक वर्षा के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने शासन-प्रशासन से मुआवजे और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सहायता की मांग की है। शनिवार को किसान यूनियन के नेता जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और खराब हुई धान की फसल दिखाते हुए मुआवजे की मांग की। किसानों ने बताया कि बीते दिनों हुई भारी बारिश और तेज हवाओं से खेतों में खड़ी धान की फसल बर्बाद हो गई है। इसके अलावा, मटर, मसूर और चना जैसी बोई गई फसलें भी पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। कई स्थानों पर कटाई के बाद खेतों में पड़ी फसलें भी पानी में डूबकर सड़ गईं, जिससे किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। किसानों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिलाधिकारी जालौन राजेश कुमार पांडेय को पत्र लिखकर जिले में हुई फसल क्षति का तत्काल सर्वे कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने आपदा राहत कोष और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से उचित मुआवजा प्रदान करने की मांग की है। किसानों ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि नुकसान का आकलन पारदर्शी तरीके से किया जाए ताकि सभी प्रभावित किसानों को सहायता मिल सके। इसके साथ ही, किसानों ने प्रशासन से दोबारा बुवाई के लिए बीज और खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया है, ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें। उन्होंने चेतावनी दी कि समय पर सहायता न मिलने पर किसानों की स्थिति और बिगड़ सकती है। किसानों ने प्रशासन से हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदा के तहत तत्काल राहत स्वीकृत करने की मांग की है। इसे भी खबर में जोड़े।किसानों ने कहा कि यदि शीघ्र मुआवजा और बीमा राशि नहीं दी गई, तो उन्हें कर्ज के बोझ और आर्थिक तंगी से जूझना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से इस आपदा को प्राकृतिक विपत्ति घोषित कर सहायता प्रदान करने की अपील की है।


