अरवल के कलेर प्रखंड स्थित संभरिया गांव के ग्रामीणों ने ‘सड़क नहीं तो वोट नहीं’ का नारा बुलंद किया है। उन्होंने आगामी 2025 विधानसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार की घोषणा की है। ग्रामीणों ने अपने घरों और गलियों में बैनर-पोस्टर लगाकर प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाई है। ग्रामीणों का कहना है कि कई नेता, विधायक और सांसद बने, लेकिन गांव को आज तक सड़क नसीब नहीं हुई। सड़क के अभाव में उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनका आरोप है कि नेता वादे करके भूल जाते हैं। हालांकि जब दैनिक भास्कर के द्वारा इस खबर को प्रकाशित किया गया तो जिला अधिकारी के निर्देश पर कुछ अधिकारी और पदाधिकारी गांव पहुंचे भी चंदा इकट्ठा कर सड़क निर्माण के लिए तैयार गांव वालों ने बताया कि यदि सड़क निर्माण के लिए निजी जमीन की आवश्यकता पड़ती है, तो वे चंदा इकट्ठा कर उसे खरीदने को भी तैयार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब तक अरवल की जिलाधिकारी गांव का दौरा नहीं करतीं, तब तक वे 2025 के विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे और कोई भी ग्रामीण मतदान नहीं करेगा। प्रत्येक घर में 2 सरकारी नौकरी वाले यह उल्लेखनीय है कि संभरिया एक संपन्न गांव है, जहां प्रत्येक घर में एक या दो सरकारी नौकरी वाले सदस्य हैं। इसके बावजूद, सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। इस बार ग्रामीणों ने दृढ़ संकल्प लिया है कि ‘जब तक सड़क नहीं, तब तक वोट नहीं’। अरवल के कलेर प्रखंड स्थित संभरिया गांव के ग्रामीणों ने ‘सड़क नहीं तो वोट नहीं’ का नारा बुलंद किया है। उन्होंने आगामी 2025 विधानसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार की घोषणा की है। ग्रामीणों ने अपने घरों और गलियों में बैनर-पोस्टर लगाकर प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाई है। ग्रामीणों का कहना है कि कई नेता, विधायक और सांसद बने, लेकिन गांव को आज तक सड़क नसीब नहीं हुई। सड़क के अभाव में उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनका आरोप है कि नेता वादे करके भूल जाते हैं। हालांकि जब दैनिक भास्कर के द्वारा इस खबर को प्रकाशित किया गया तो जिला अधिकारी के निर्देश पर कुछ अधिकारी और पदाधिकारी गांव पहुंचे भी चंदा इकट्ठा कर सड़क निर्माण के लिए तैयार गांव वालों ने बताया कि यदि सड़क निर्माण के लिए निजी जमीन की आवश्यकता पड़ती है, तो वे चंदा इकट्ठा कर उसे खरीदने को भी तैयार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब तक अरवल की जिलाधिकारी गांव का दौरा नहीं करतीं, तब तक वे 2025 के विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे और कोई भी ग्रामीण मतदान नहीं करेगा। प्रत्येक घर में 2 सरकारी नौकरी वाले यह उल्लेखनीय है कि संभरिया एक संपन्न गांव है, जहां प्रत्येक घर में एक या दो सरकारी नौकरी वाले सदस्य हैं। इसके बावजूद, सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। इस बार ग्रामीणों ने दृढ़ संकल्प लिया है कि ‘जब तक सड़क नहीं, तब तक वोट नहीं’।


