इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सुल्तानपुर में सरकारी जमीन पर लगी मूर्तियों के मामले में सुनवाई की है। कोर्ट ने जिलाधिकारी (डीएम) और नगर पालिका से पूछा है कि यदि सरकारी जमीन पर अवैध रूप से मूर्तियां लगाई गई हैं, तो उन्हें हटाने की क्या प्रक्रिया है। यह मामला पूर्व विधायक इन्द्रभद्र सिंह की प्रतिमा से जुड़ा है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति राजीव भारती की खंडपीठ ने ‘सार्वजनिक भूमि पर मूर्ति आदि की स्थापना और उन्हें हटाना’ शीर्षक से दर्ज स्वतः संज्ञान याचिका पर दिया है। पहले एक जनहित याचिका दायर की गई थी, लेकिन न्यायालय ने उसे स्वतः संज्ञान याचिका में बदल दिया था। मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी और जिलाधिकारी, सुल्तानपुर से पूछा था कि क्या प्रतिमा सरकारी जमीन पर है और यदि हां, तो उसे हटाने की क्या प्रक्रिया है। जिलाधिकारी ने कोर्ट में स्वीकार किया कि पीडब्ल्यूडी की जमीन/सड़क पर नगर पालिका द्वारा दो मूर्तियां लगाई गई हैं। हालांकि, जिलाधिकारी यह नहीं बता पाए कि उन्होंने इन मूर्तियों को हटाने के संबंध में क्या कार्रवाई की है। इस पर न्यायालय ने जिलाधिकारी को पूरक शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने नगर पालिका से भी पूछा है कि उन्होंने सरकारी जमीन पर ये दो मूर्तियां कैसे लगाईं और अब उन्हें हटाने के लिए वे क्या कदम उठाएंगे।


