बिल्हा थाना क्षेत्र की घटना:स्पंज आयरन प्लांट में सड़ी जाली टूटी ऊंचाई से गिरा क्रेन ऑपरेटर, मौत

बिल्हा थाना क्षेत्र की घटना:स्पंज आयरन प्लांट में सड़ी जाली टूटी ऊंचाई से गिरा क्रेन ऑपरेटर, मौत

बिल्हा के मंगल स्पंज आयरन प्लांट में बुधवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया। सड़ी हुई जाली टूटने से क्रेन ऑपरेटर ऊंचाई से नीचे गिर गया। हादसे में गंभीर रूप से घायल ऑपरेटर को साथी कर्मचारियों ने आनन-फानन में निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे सिम्स रेफर किया गया। लेकिन सिम्स पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना को लेकर साथी कर्मचारियों में भारी गुस्सा है। मामला बिल्हा थाना क्षेत्र का है। ग्राम भैंसबोड़ निवासी मिथिलेश यादव, पिता अर्जुन लाल (23) बिल्हा के मंगल स्पंज आयरन प्लांट में क्रेन ऑपरेटर था। 29 अक्टूबर को वह रोज की तरह ड्यूटी पर गया था। रात में शिफ्ट खत्म होने के बाद भी वह ओवरटाइम कर रहा था। किसी कार्य के लिए जब वह क्रेन से नीचे उतरा, तो उसका पैर सड़ी हुई जाली पर पड़ा और वह सिर के बल नीचे गिर गया। हादसे में उसे गंभीर चोटें आईं। साथी कर्मचारियों ने तत्काल उसे बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे सिम्स रेफर किया, लेकिन सिम्स पहुंचते तक उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी परिजन को दी गई। गुरुवार सुबह मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद परिजन ने 40 लाख रुपए मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।। पुलिस और औद्योगिक सुरक्षा विभाग की संयुक्त टीम हादसे की जांच करेगी। 10 माह में तीन उद्योगों में बड़े हादसों में 11 की मौत, दोषियों को सजा नहीं
बिलासपुर संभाग के सक्ती और बिलासपुर में बीते 10 महीनों के भीतर प्रबंधन की लापरवाही से तीन बड़े हादसे हो चुके हैं। इन हादसों में प्लांट में काम करने वाले इंजीनियर, सुपरवाइजर और टेक्नीशियन समेत कुल 11 कर्मचारियों की मौत हुई है। इन सभी मामलों में जिम्मेदार प्लांट संचालकों और अधिकारियों के खिलाफ सिर्फ एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन अब तक किसी को सजा नहीं मिली। कुछ मामले कोर्ट में लंबित हैं, जबकि कुछ को औद्योगिक सुरक्षा विभाग ने क्लीन चिट दे दी। कुछ मामलों में दोषियों को बचाने बड़े अफसर तक सक्रिय हो गए थे। बालको की चिमनी हादसे में 45 मजदूरों की मौत के बाद भी मामला अब तक कोर्ट में विचाराधीन है।
केस-1: 4 अगस्त को मेंटेनेंस के दौरान प्री-एयर हीटर प्लेटफॉर्म टूट गया। इसकी चपेट में आने से दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। परिजन ने हंगामा किया था।
केस-2 : रामबोड़ में कुसुम स्मेल्टर प्लांट में 9 जनवरी को साइलो टैंक ढह गया। इस में कुल चार मजदूरों की मौत हुई।
पुलिस ने प्रबंधन पर लापरवाही का मामला दर्ज किया था।
केस-3 : सक्ती के आरकेएम पावर प्लांट में 7 अक्टूबर को बॉयलर की मरम्मत के लिए जा रहे 10 मजदूरों को ले जा रही लिफ्ट 130 फीट की ऊंचाई से नीचे गिर गई। हादसे में चार मजदूरों की मौत हो गई और छह गंभीर रूप से घायल हुए। प्लांट मालिक समेत आठ लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था।

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