आजमगढ़ जिले की साइबर पुलिस ने ऑनलाइन प्रोडक्ट की सेल और मार्केट वैल्यू बढ़ाने के नाम पर प्रोडक्ट को बूस्ट करने के लिए 13 लाख रुपए से अधिक की ठगी के मामले में चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से बड़ी मात्रा में फर्जी बैंक के दस्तावेज एटीएम और मोबाइल बरामद किए गए हैं। इस मामले का खुलासा करते हुए जिले के एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि इस मामले में 18 सितंबर को पीड़ित भूपेंद्र यादव ने शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि मेरे बेटे आर्यन यादव के मोबाइल नंबर को एक टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ा गया जहां बताया गया कि WOOCOMERCE नामक कंपनी के लिए कार्य करते हैं। इस कंपनी पर प्रोडक्ट की सेल और मार्केट वैल्यू बढ़ाने के लिए प्रोडक्ट को बूस्ट करने के नाम पर कार्य कराया जाता है। साइबर ठगों ने युवक को झांसा देकर 12 लाख 64249 जमा कराकर ठगी कर लिए। इस मामले में साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई। कन्नौज और लखनऊ के हैं आरोपी इस मामले का खुलासा करते हुए जिले के एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि मामले की विवेचना साइबर क्राइम प्रभारी देवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा की जा रही थी ऐसे में लगातार दिल्ली गाजियाबाद लखनऊ में आरोपियों की तलाश की जा रही थी। इसी क्रम में सर्विलांस के माध्यम से साइबर पुलिस अभियुक्त रोहित को उसके घर जाकर पूछताछ की। जिसके बाद रोहित ने अपने साथियों मा मोहित और अजय का नाम बताया। मुख्य आरोपी शक्ति कपाड़िया को लखनऊ के होटल के कमरे से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त शक्ति कपाड़िया प्रदेश से बाहर पंजाब हरियाणा दिल्ली मध्य प्रदेश के राज्यों के खातों से पैसे मांगने में इस्तेमाल करता था। आरोपियों में शक्ति कपाड़िया अलीगंज लखनऊ का रहने वाला है जबकि मा रोहित और मोहित कुमार कन्नौज जिले के रहने वाले हैं। आरोपियों के कब्जे से चार मोबाइल फोन 7 एटीएम कार्ड दो आधार कार्ड दो पासबुक कर चेक बुक भी बरामद की गई है। ऐसे करते थे ठगी पूछताछ में मुख्य अभियुक्त शक्ति कपाड़िया ने बताया कि वह टेलीग्राम एकाउंट के माध्यम से “SIMBA”, “B LEE COOPER” तथा “NOBITA” नामक IDs से जुड़े व्यक्तियों से संपर्क में रहता था। ये लोग गेमिंग एवं साइबर फ्रॉड से प्राप्त धनराशि विभिन्न खातों में ट्रांसफर कराते थे। अभियुक्त शक्ति ने बताया कि वह लोगों को झांसे में लेकर उनके बैंक खाते और दस्तावेज प्राप्त कर लेता था तथा उन्हें साथ लेकर बैंक जाकर धनराशि की निकासी करवाता था। निकासी के बाद खाता धारकों को उनका कमीशन देकर वह “YESS” और “SIMBA” नामक व्यक्तियों से संपर्क करता था। जो बैंक के बाहर चारपहिया वाहन से आकर नकदी लेकर चले जाते थे। अभियुक्त शक्ति कपाड़िया द्वारा खाता धारक से यह जांचने के लिए कि उसके बैंक खाते में UPI सक्रिय है या नहीं, 50 रुपये की राशि “IN” एवं “OUT” (जमा और निकासी) का स्क्रीनशॉट मंगाया जाता था, ताकि खाते की सक्रियता की पुष्टि की जा सके। पैसे का लालच देकर रोहित, मोनू, मोहित व अजय नामक व्यक्ति “शक्ति” नामक व्यक्ति से जुड़े, जो लखनऊ में रहकर विभिन्न खाताधारकों के बैंक खाते व दस्तावेज लेकर ठगी का कार्य कराता था। अभियुक्त शक्ति के माध्यम से विभिन्न खातों में लाखों रुपये भेजे गए, जिन्हें चेक, एटीएम व UPI से निकालकर नकद रूप में “Yash” व “Simba” नामक व्यक्तियों को सौंपा जाता था। लेन-देन के लिए वर्चुअल नंबर व टेलीग्राम IDs (Lee Cooper, Nobita, Simba) का उपयोग किया जाता था ताकि पहचान छिपी रहे। यह था तरीका अभियुक्तगण टेलीग्राम ऐप पर “GST बचाने” या “ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब” और पैसे बढ़ाने के नाम पर लोगों से संपर्क करते थे। इनके द्वारा “Lee Cooper”, “Nobita”, “Simba” जैसे फर्जी टेलीग्राम ID से ग्रुप बनाए जाते थे। लालच देकर लोगों से बैंक खाते, पासबुक, एटीएम कार्ड व संबंधित दस्तावेज एक निश्चित कमीशन पर प्राप्त करते थे। उक्त बैंक खातों में ऑनलाइन ठगी से प्राप्त धनराशि ट्रांसफर की जाती थी। इसके बाद उक्त राशि को चेक, एटीएम या UPI के माध्यम से निकालकर नकद में परिवर्तित किया जाता था।


