गया में छठ महापर्व के अवसर पर श्री श्री छठ पूजा कुमार बाल समिति ने हजारों व्रतियों को पूजन सामग्री वितरित की। इस दौरान हिंदू-मुस्लिम सौहार्द का एक अनूठा उदाहरण देखने को मिला। शहर के पुरानी गोदाम स्थित मारवाड़ी धर्मशाला के समीप सोमवार को छठ के तीसरे दिन यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। वार्ड नंबर 21 के वार्ड पार्षद नैयर अहमद के नेतृत्व में व्रतियों को साड़ी, नारियल, अगरबत्ती, दीपक, सूप, फल और अन्य आवश्यक सामग्री दी गईं। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक विधि-विधान से हुई, जिसमें समिति के सदस्यों ने सामूहिक रूप से सूर्य भगवान की आराधना की और सभी व्रतियों के मंगल की कामना की। शहर और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिलाएं और पुरुष उपस्थित थे। बोले- गरीब व्रतियों की मदद करना मुख्य उद्देश्य है समिति के अध्यक्ष ने बताया कि यह आयोजन पिछले कई वर्षों से लगातार किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर व्रतियों की सहायता करना है, जिन्हें छठ पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जुटाने में कठिनाई होती है। उन्होंने कहा कि छठ महापर्व आस्था, संयम और पवित्रता का पर्व है, जिसमें समाज के सभी वर्गों की सहभागिता इसे और विशेष बनाती है। उपस्थित अतिथियों ने समिति के सामाजिक योगदान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास समाज में एकता और सहयोग की भावना को मजबूत करते हैं। छठ महापर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक समरसता और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है। कार्यक्रम के अंत में सभी व्रतियों को छठ पूजा की शुभकामनाएँ दी गईं और अगले वर्ष इस आयोजन को और बड़े स्तर पर करने का संकल्प लिया गया। गया में छठ महापर्व के अवसर पर श्री श्री छठ पूजा कुमार बाल समिति ने हजारों व्रतियों को पूजन सामग्री वितरित की। इस दौरान हिंदू-मुस्लिम सौहार्द का एक अनूठा उदाहरण देखने को मिला। शहर के पुरानी गोदाम स्थित मारवाड़ी धर्मशाला के समीप सोमवार को छठ के तीसरे दिन यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। वार्ड नंबर 21 के वार्ड पार्षद नैयर अहमद के नेतृत्व में व्रतियों को साड़ी, नारियल, अगरबत्ती, दीपक, सूप, फल और अन्य आवश्यक सामग्री दी गईं। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक विधि-विधान से हुई, जिसमें समिति के सदस्यों ने सामूहिक रूप से सूर्य भगवान की आराधना की और सभी व्रतियों के मंगल की कामना की। शहर और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिलाएं और पुरुष उपस्थित थे। बोले- गरीब व्रतियों की मदद करना मुख्य उद्देश्य है समिति के अध्यक्ष ने बताया कि यह आयोजन पिछले कई वर्षों से लगातार किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर व्रतियों की सहायता करना है, जिन्हें छठ पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जुटाने में कठिनाई होती है। उन्होंने कहा कि छठ महापर्व आस्था, संयम और पवित्रता का पर्व है, जिसमें समाज के सभी वर्गों की सहभागिता इसे और विशेष बनाती है। उपस्थित अतिथियों ने समिति के सामाजिक योगदान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास समाज में एकता और सहयोग की भावना को मजबूत करते हैं। छठ महापर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक समरसता और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है। कार्यक्रम के अंत में सभी व्रतियों को छठ पूजा की शुभकामनाएँ दी गईं और अगले वर्ष इस आयोजन को और बड़े स्तर पर करने का संकल्प लिया गया।


