औरंगाबाद में पूर्व सांसद आनंद मोहन को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। वे रविवार को बारुण प्रखंड के एक गांव में अपने बेटे एनडीए समर्थित उम्मीदवार चेतन आनंद के पक्ष में जन संपर्क करने पहुंचे थे। जहां ग्रामीणों ने गांव के बाहर ही उनका रास्ता रोक दिया तथा नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे सुनकर पूर्व सांसद आनंद मोहन भड़क गए तथा ग्रामीणों को कहा नीतीश कुमार ने जो कर दिया वह किसी के वश की बात नहीं है। हो सकता है आपका गांव विकास से वंचित रह गया हो, लेकिन उन्होंने पूरे बिहार का विकास किया है। हालांकि ग्रामीण उनकी एक भी सुनने को तैयार नहीं थे तथा आनंद मोहन वापस जाओ का भी नारा लगाने लगे। इसके बाद पूर्व सांसद वापस अपने कार्यकर्ताओं के साथ लौट गए। नबीनगर के बारून प्रखंड के तेतरिया गांव में गए थे आनंद मोहन दरअसल, मामला नबीनगर विधानसभा के बारून प्रखंड के कंचनपुर पंचायत के तेतरिया गांव का है। जहां ग्रामीण रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा लगा रहे थे। साथ ही गांव में जाने वाले रास्ते को बांस बल्ला लगाकर बंद कर दिया था। ग्रामीणों का कहना था कि उनके गांव में अभी तक पक्की सड़क नहीं बनी है। जिसके ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार जैसा कठोर निर्णय लिया है। आनंद मोहन ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो वह और भड़क गए तथा आनंद मोहन वापस जाओ का नारा लगाने लगे। इसके बाद आनंद मोहन वापस लौटने लगे। इस दौरान उनके एक कार्यकर्ता ने यह कहा कि यदि ऐसी स्थिति रही तो आपके गांव का सड़क बनना सपना ही रह जाएगा। इस पर ग्रामीण और भड़क गए। आनंद मोहन के बेटे चेतन को नबीनगर से जेडीयू ने बनाया है प्रत्याशी बता दें कि आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद औरंगाबाद जिले की नबीनगर सीट से जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इसके पूर्व वे शिवहर से राजद के टिकट पर चुनाव जीते थे। फ्लोर टेस्ट के दौरान पाला बदल कर जेडीयू का दामन थाम लिया था। जबकि चेतन की मां और शिवहर से जदयू की सांसद लवली आनंद 1996 में पहली बार नबीनगर सीट से विधायक बनी थीं। औरंगाबाद में पूर्व सांसद आनंद मोहन को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। वे रविवार को बारुण प्रखंड के एक गांव में अपने बेटे एनडीए समर्थित उम्मीदवार चेतन आनंद के पक्ष में जन संपर्क करने पहुंचे थे। जहां ग्रामीणों ने गांव के बाहर ही उनका रास्ता रोक दिया तथा नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे सुनकर पूर्व सांसद आनंद मोहन भड़क गए तथा ग्रामीणों को कहा नीतीश कुमार ने जो कर दिया वह किसी के वश की बात नहीं है। हो सकता है आपका गांव विकास से वंचित रह गया हो, लेकिन उन्होंने पूरे बिहार का विकास किया है। हालांकि ग्रामीण उनकी एक भी सुनने को तैयार नहीं थे तथा आनंद मोहन वापस जाओ का भी नारा लगाने लगे। इसके बाद पूर्व सांसद वापस अपने कार्यकर्ताओं के साथ लौट गए। नबीनगर के बारून प्रखंड के तेतरिया गांव में गए थे आनंद मोहन दरअसल, मामला नबीनगर विधानसभा के बारून प्रखंड के कंचनपुर पंचायत के तेतरिया गांव का है। जहां ग्रामीण रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा लगा रहे थे। साथ ही गांव में जाने वाले रास्ते को बांस बल्ला लगाकर बंद कर दिया था। ग्रामीणों का कहना था कि उनके गांव में अभी तक पक्की सड़क नहीं बनी है। जिसके ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार जैसा कठोर निर्णय लिया है। आनंद मोहन ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो वह और भड़क गए तथा आनंद मोहन वापस जाओ का नारा लगाने लगे। इसके बाद आनंद मोहन वापस लौटने लगे। इस दौरान उनके एक कार्यकर्ता ने यह कहा कि यदि ऐसी स्थिति रही तो आपके गांव का सड़क बनना सपना ही रह जाएगा। इस पर ग्रामीण और भड़क गए। आनंद मोहन के बेटे चेतन को नबीनगर से जेडीयू ने बनाया है प्रत्याशी बता दें कि आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद औरंगाबाद जिले की नबीनगर सीट से जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इसके पूर्व वे शिवहर से राजद के टिकट पर चुनाव जीते थे। फ्लोर टेस्ट के दौरान पाला बदल कर जेडीयू का दामन थाम लिया था। जबकि चेतन की मां और शिवहर से जदयू की सांसद लवली आनंद 1996 में पहली बार नबीनगर सीट से विधायक बनी थीं।


