जिला जेल में विचाराधीन कैदी दीपक अहिरवार ने रविवार दोपहर आत्महत्या का प्रयास किया। उसने मच्छरदानी के तार से अपना गला काट लिया। गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। दीपक अहिरवार को तीन महीने पहले जीआरपी पुलिस ने चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया था। तब से वह जिला जेल में विचाराधीन कैदी के तौर पर बंद था। दीपक अहिरवार ने कुछ दिन पहले जेल प्रशासन से जेल के अंदर गुटखा मिलने की शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद जेल में बंद एक अन्य कैदी दीपक मोटवानी ने दीपक अहिरवार के साथ मारपीट की थी। जेल प्रशासन ने इस घटना के बाद दोनों कैदियों को अलग-अलग बैरकों में स्थानांतरित कर दिया था। माना जा रहा है कि मारपीट और आंतरिक विवाद के कारण हुए अवसाद में आकर दीपक अहिरवार ने यह कदम उठाया। उसने अपनी बैरक में मच्छरदानी के तार का उपयोग कर गला काटने का प्रयास किया। समय रहते अन्य कैदियों या ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों ने उसे देख लिया, जिसके बाद उसे तुरंत नीचे उतारा गया और अस्पताल भेजा गया। मरीज खतरे से बाहर ड्यूटी डॉक्टर कनिका बुनकर ने बताया कि जिला जेल से एक मरीज आया था, जिसके गले में तार से गहरे घाव थे। उनका इलाज किया जा रहा है और अब वह खतरे से बाहर हैं। गुटखा मामला की जांच कराई जाएगी जिला जेलर प्रभात चतुर्वेदी ने पुष्टि की कि एक बंदी ने मच्छरदानी के तार से गला काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी, जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि तंबाकू और गुटखा जेल के अंदर कैसे आया, इसकी जांच कराई जा रही है।


