यूपी के बरेली में नगर निगम की जमीन पर वर्षों से रह रहे लोगों को अब अपना आशियाना छोड़ना पड़ेगा। शनिवार 25 अक्टूबर को उनके घरों पर बुलडोजर चलेगा। “लोग बोले, जिन्हें हमने वोट दिया वही अब हमारा आशियाना तोड़ रहे हैं। हम अपनी आंखों के सामने अपने घरों पर बुलडोजर चलते कैसे देख पाएंगे। हमने एक-एक पैसा जोड़कर बड़ी मेहनत से घर बनाया था। हम लोग 50-60 सालों से यहां रह रहे हैं। हम नगर निगम को टैक्स भी देते हैं। भाजपा को ही हमेशा वोट दिया है, फिर भी हमारी कहीं सुनवाई नहीं हो रही। मेयर ने भी हाथ खड़े कर लिए हैं। अब हम लोग कहां जाएंगे। ये कहना है डेलापीर तालाब के किनारे रह रहे लोगों का। दैनिक भास्कर ग्राउंड जीरो पर पहुंचा, हमने लोगों से बात की तो उनका दर्द छलक उठा।” 15 दिन की समयसीमा खत्म
नगर निगम ने सभी को 15 दिनों में घरों को खाली करने का नोटिस दिया था। नोटिस में ये भी कहा गया था कि अगर घर खाली नहीं किए तो घर पर बुलडोजर चलाने का जो खर्चा आएगा, वो भी आप लोगों को ही देना होगा। 24 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को नोटिस की समय सीमा पूरी हो गई है। अब कुछ लोग खुद घर खाली करने लगे हैं, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि हम यही बुलडोजर के नीचे दबकर मर जाएंगे लेकिन अपना आशियाना नहीं छोड़ेंगे। 25 अक्टूबर को इन घरों पर बुलडोजर चलेगा। डेलापीर तालाब किनारे 14 घर बने हुए हैं
बरेली के डेलापीर तालाब के किनारे 14 घर बने हुए हैं। यहां के लोगों का कहना है कि वो लोग 50-60 सालों से यहां रह रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब हम लोग यहां रहने आए थे तब यहां घना जंगल था और बड़ा सा तालाब था। उस वक्त यहां कोई मुफ्त में भी जगह नहीं लेना चाहता था। दिनदहाड़े लोगों को लूट लिया जाता था। धीरे-धीरे यहां कई कालोनियां बन गईं। अब यहां की जमीनें काफी महंगी हो गई हैं। इसलिए नगर निगम अब हम लोगों को यहां से हटा रहा है। 70 साल की रामबेटी बोलीं- मोदी-योगी कहते हैं परिवार, पर आज उजाड़ रहे हैं
70 साल की रामबेटी का कहना है कि आज हम मकान खाली कर रहे हैं, वरना कल नगर निगम वाले हमारे घर पर सामान सहित बुलडोजर चला देंगे। हमने हमेशा जमाल को ही वोट दिया। मोदी-योगी कहते हैं कि ये हमारा परिवार है लेकिन आज अपने ही परिवार को उजाड़ रहे हैं। सुनील मौर्या का कहना है कि हमारी बहुत सारी यादें जुड़ी हैं यहां से, लेकिन अब हम क्या कर सकते हैं। हमारी कोई नहीं सुन रहा। अब हम लोग सड़कों पर रहेंगे। हमारी जवान बेटियां हैं। हम लोग तो सरकार के लिए चींटी के समान हैं। गरीब में कोई जान नहीं है, वो पिस जाए, मर जाए। मजदूर वर्ग और दलित-ओबीसी परिवारों का इलाका
लोगों का कहना है कि हम सभी मजदूर वर्ग के हैं। सभी दलित और ओबीसी जाति के लोग हैं। रोज कमाने-खाने वाले हैं। 40-50 गज में सभी घर बने हुए हैं। यहां रहने वाले पुरुष रिक्शा चलाते हैं तो महिलाएं घरों में चौका-बर्तन करके पेट पालती हैं। हमने बहुत मेहनत करके एक-एक पैसा जोड़कर अपने घरों में लाखों रुपये लगाए हैं। कुछ लोगों का जन्म यहीं हुआ तो कुछ महिलाओं की शादी यहीं होकर आई। शादी के 50 साल हो गए। बच्चे बड़े हो गए, उनकी भी शादी हो गई। कुछ लोगों की लड़कियां जवान हैं, शादी की उम्र है। लोगों का कहना है कि अब हम लड़कियों की शादी करेंगे या नई जगह मकान बनाएंगे? अब हम सब सड़क पर जाएंगे। हमारे पास रहने का कोई और ठिकाना नहीं है। योगी से मिलने गए, लेकिन नहीं हुई सुनवाई
लोगों का कहना है कि हम लोग गोरखपुर और लखनऊ भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गए थे, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। यहां लोकल स्तर पर मंत्री डॉ. अरुण कुमार और मेयर डॉ. उमेश गौतम के पास भी गए थे, लेकिन उन लोगों ने भी कोई मदद नहीं की। लोगों का कहना है कि मोदी हम सबको अपना परिवार कहते हैं, लेकिन अब अपने परिवार को ही उजाड़ रहे हैं। हम लोग गरीब हैं, इसलिए हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। शाहबाद मोहल्ले में भी चलेगा बुलडोजर
बरेली के शाहबाद मोहल्ले में भी 27 घरों पर 25 अक्टूबर शनिवार को बुलडोजर चलेगा। यहां रहने वाले लोगों का भी कहना है कि हम लोग 50-60 सालों से यहां रह रहे हैं। यहां एक प्रधानमंत्री आवास भी बना है, उस पर भी बुलडोजर चलेगा। यहां रहने वाले कुछ लोगों को पुलिस ने 26 सितंबर को हुए बबल मामले में गिरफ्तार भी किया है।


