दिल्ली में कांग्रेस नेता से खाली कराया सरकारी बंगला, कई बार नोटिस के बाद हुई कार्रवाई

दिल्ली में कांग्रेस नेता से खाली कराया सरकारी बंगला, कई बार नोटिस के बाद हुई कार्रवाई

Congress leader Udit Raj: दिल्ली में सरकारी बंगलों पर अनधिकृत कब्जे के खिलाफ सरकार के चल रहे अभियान के तहत शुक्रवार को बड़ा कदम उठाया गया। पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज का लुटियंस दिल्ली स्थित सरकारी आवास आखिरकार संपदा निदेशालय (Directorate of Estates) ने खाली करा लिया। यह कार्रवाई तब हुई जब कई बार नोटिस जारी करने के बावजूद उन्होंने तय समय सीमा में बंगला खाली नहीं किया था।

कार्यकाल खत्म होने के बाद भी कब्जा

डॉ. उदित राज 2014 से 2019 तक उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद रहे। सांसद रहते हुए उन्हें यह बंगला सरकारी आवंटन के तहत मिला था। नियमों के अनुसार, सांसद या मंत्री का कार्यकाल समाप्त होने के एक महीने के भीतर उन्हें आवास खाली करना अनिवार्य होता है। साल 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद उनका आवास पर अधिकार समाप्त हो गया था। इसके बावजूद, उदित राज ने इसे खाली नहीं किया और कई बार अतिरिक्त समय की मांग की थी।

संपदा निदेशालय ने की कार्रवाई

काफी समय तक चेतावनी और नोटिस भेजे जाने के बाद आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अधीन आने वाले संपदा निदेशालय ने कार्रवाई का फैसला लिया। ‘अनाधिकृत कब्जा हटाने अधिनियम’ के तहत शुक्रवार सुबह बेदखली की प्रक्रिया शुरू की गई। अधिकारियों की एक टीम पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और बंगले का कब्जा अपने हाथ में ले लिया। इस दौरान आवास में मौजूद सामान को बाहर निकाला गया और संपत्ति को सील कर दिया गया।

कांग्रेस नेता उदित राज ने क्या कहा?

कार्रवाई के दौरान डॉ. उदित राज ने विरोध जताया और कहा कि इस मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर को अदालत में होनी है। उन्होंने पुलिस से हस्तक्षेप की अपील भी की, लेकिन पुलिस ने सरकारी आदेश का पालन करते हुए कार्रवाई को नहीं रोका। उदित राज ने इस पूरी प्रक्रिया को “राजनीतिक द्वेष से प्रेरित” बताया और कहा कि सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है।

सरकार का रुख और बड़ा संदेश

वहीं, संपदा निदेशालय के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई पूरी तरह नियमों के अनुरूप और नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है। उनके अनुसार, सभी पूर्व सांसदों और अधिकारियों को आवास खाली करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था। कई पूर्व जनप्रतिनिधियों द्वारा लुटियंस दिल्ली में बंगलों पर वर्षों से कब्जा बनाए रखने की शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने हाल के महीनों में एक सख्त अभियान शुरू किया है।

सरकार की सख्त नीति का उदाहरण बनी कार्रवाई

इस कार्रवाई को सरकार की सख्त नीति का उदाहरण माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि सार्वजनिक संपत्तियों पर अनधिकृत कब्जा जनता के पैसे और संसाधनों का दुरुपयोग है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संपदा निदेशालय ने संकेत दिया है कि ऐसे अन्य मामलों पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी। इस पूरी घटना से यह स्पष्ट संदेश गया है कि सरकारी आवास पर कब्जा नहीं बर्दाश्त किया जाएगा। फिर चाहे वो पूर्व सांसद हों या फिर कोई प्रभावशाली व्यक्ति हो, कार्रवाई सब पर होगी। उदित राज का बंगला खाली कराए जाने के बाद अब यह आवास पात्र व्यक्ति को दोबारा आवंटित किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *