‘नहीं हिल रही थीं अंगुलियां, काटने पड़े थे ग्लव्स’ चलते मैच से पहुंचे हॉस्पिटल, तिलक वर्मा ने अपनी खतरनाक बीमारी का किया खुलासा

‘नहीं हिल रही थीं अंगुलियां, काटने पड़े थे ग्लव्स’ चलते मैच से पहुंचे हॉस्पिटल, तिलक वर्मा ने अपनी खतरनाक बीमारी का किया खुलासा

Tilak Verma Batting Story with Rhabdomyolysis: टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज तिलक वर्मा ने उस समय सनसनी मचा दी, जब एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि कैसे वह 2022 आईपीएल के बाद एक खतरनाक बीमारी से जूझ रहे थे। एशिया कप 2025 के फाइनल में अपनी शानदार पारी से पाकिस्तान के मुंह से जीत छीनने वाले तिलक वर्मा मौत को भी मात दे चुके हैं। तिलक ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह एक खतरनाक बीमारी से जूझ रहे थे और अगर सही टाइम पर इलाज नहीं मिलता तो उनकी जान भी जा सकती थी।

2022 में हुई थी खतरनाक बीमारी

गौरव कपूर के साथ ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस में तिलक वर्मा ने खुलासा किया है कि उनके पहले IPL 2022 के बाद कैसे उनके उनके क्रिकेट करियर ने खतरनाक मोड़ ले लिया था। तिलक को रबडोमायोलिसिस (Rhabdomyolysis) नामक की एक बीमारी हो गई थी। तिलक ने कहा, “बांग्लादेश ‘ए’ के खिलाफ सीरीज के दौरान मेरी हालत बिगड़ गई थी। तब मैं मुंबई इंडियंस के साथ था। मैच के दौरान मैंने खुद को शतक के लिए पुश किया और मेरी आंखों में आंसू आने लगे। मेरी उंगलियां हिल नहीं रही थीं। पूरा शरीर पत्थर जैसा महसूस हो रहा था। मुझे रिटायर हर्ट होना पड़ा और मेरे दस्तानों को काटना पड़ा क्योंकि मेरी उंगलियां हिल नहीं रही थीं।”

उन्होंने आगे कहा, ”मेरे पास आकाश अंबानी का फोन आया। उन्होंने बीसीसीआई से बात की, जो मेरे लिए बहुत मददगार रही। जय शाह सर का धन्यवाद। मुझे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर्स ने मुझे बताया कि अगर मैंने कुछ घंटों की भी देरी की होती, तो परिणाम भयानक हो सकते थे। अस्पताल में मेरी हालत बहुत गंभीर थी। मेरी मां मेरे साथ थीं।”

क्या होता है रबडोमायोलिसिस (Rhabdomyolysis)

रबडोमायोलिसिस (Rhabdomyolysis) एक जानलेवा बीमारी है जिसमें मांसपेशियां टूटने लगती हैं और उनका प्रोटीन (मायोग्लोबिन) खून में मिल जाता है। ये किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। ये बीमारी ज़्यादा शारीरिक एक्सरसाइज, चोट लगने, कुछ दवाइयों के सेवन या इन्फेक्शन की वजह से हो सकता है। इसके लक्षणों में मांसपेशियों में तेज दर्द, कमजोरी और थकान शामिल हैं। अगर समय पर इलाज न हो, तो किडनी फेल हो सकती है। इलाज में खूब पानी पीना, अस्पताल में IV फ्लूइड्स, और कभी-कभी दवाइयां दी जाती हैं। इसे रोकने के लिए वर्कआउट धीरे-धीरे बढ़ाएं, पानी पीते रहें, और किसी भी असामान्य दर्द को नजरअंदाज न करें।

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