बीजू जनता दल (बीजद) ने ओडिशा में नुआपाड़ा उपचुनाव के लिए बृहस्पतिवार को अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया तथा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्षी पार्टी से यह सीट छीनने के लिए कई मंत्रियों को प्रचार अभियान में शामिल किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में बीजद ने अपनी उम्मीदवार स्नेहांगिनी छुरिया के लिए बंजारी मंदिर से प्रचार अभियान की शुरुआत की और वहां अनुष्ठान किए।
पार्टी उपाध्यक्ष देवी प्रसाद मिश्रा सहित वरिष्ठ बीजद नेताओं ने छुरिया के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।
बीजद का प्रचार अभियान शुरू
छुरिया ने मंदिर में दर्शन के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं नुआपाड़ा के सर्वांगीण विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराती हूं। निर्वाचन क्षेत्र की प्रगति के लिए मेरी यात्रा आज आधिकारिक रूप से शुरू हो गई है।’’
मिश्रा ने आरोप लगाया कि भाजपा की ‘‘डबल इंजन सरकार’’ ने पिछले 16 महीनों में राज्य का ‘‘दोहरा विनाश’’ किया है।
पार्टी नेताओं के अनुसार, पटनायक पूर्व राज्य मंत्री और वर्तमान में बीजद की महिला शाखा की अध्यक्ष छुरिया के लिए प्रचार करने के मकसद से संभवत: छह और सात नवंबर को जिले का दौरा करेंगे।
सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने उम्मीदवार जय ढोलकिया की जीत सुनिश्चित करने की तैयारी की
इस बीच, सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने उम्मीदवार जय ढोलकिया की जीत सुनिश्चित करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल के आधे सदस्यों यानी आठ मंत्रियों को मैदान में उतारा है।
जय दिवंगत बीजद विधायक राजेंद्र ढोलकिया के पुत्र हैं। राजेंद्र ढोलकिया के निधन के कारण 11 नवंबर को नुआपाड़ा में उपचुनाव होना जरूरी हो गया है।
प्रत्येक मंत्री को प्रचार की देखरेख के लिए विशिष्ट क्षेत्र सौंपे गए हैं, जबकि उपमुख्यमंत्री के वी सिंहदेव और पार्टी के वरिष्ठ नेता जयनारायण मिश्रा को उपचुनाव का पूरा प्रभार सौंपा गया है।
कांग्रेस ने भी अपना प्रचार अभियान तेज कर दिया है और पार्टी उम्मीदवार घासीराम माझी ने घर-घर जाकर लोगों से संपर्क साधने पर जोर दिया है।
ओडिशा के नुआपाड़ा उपचुनाव में कांग्रेस छुपी हुई स्थिति में दिख रही है
ओडिशा के कालाहांडी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नुआपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के लिए 11 नवंबर को होने वाला उपचुनाव एक दिलचस्प मोड़ ले रहा है। पिछले महीने बीजू जनता दल के चार बार विधायक रहे विधायक के निधन के कारण यह चुनाव कराना ज़रूरी हो गया था। यह उपचुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मई 2024 में भाजपा द्वारा राज्य में 24 साल लंबे बीजद शासन को उखाड़ फेंकने के बाद यह जनसमर्थन की पहली परीक्षा है।
यह स्पष्ट रूप से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री मोहन माझी, मुख्य विपक्षी दल बीजद के नेता नवीन पटनायक और तेज़ी से उभरती ओडिशा कांग्रेस के अध्यक्ष भक्त चरण दास के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई है। यह अलग-अलग कारणों से इन तीनों नेताओं के बीच एक भीषण लड़ाई का संकेत देता है।


