‘उस रात जिस तरह से देखते-देखते तमाम लोग मेरी गाड़ी के पास इकट्ठा होते चले गए, उस वक्त मुझे जो सही लगा वो मैंने किया। खुद को सेफ करने के लिए, अपने दोस्त को उस सिचुएशन से बचाना था। खुद को सुरक्षित करना था।’ ‘इसलिए उस टाइम मुझे माफी मांगना सही लगा। मैंने कुछ भी नहीं देखा, बस दोनों हाथ जोड़कर सबके सामने माफी मांग ली…क्योंकि मुझे खुद को बचाना था..’ मेरठ में भाजपा के राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर का नाम लेकर कपड़ा कारोबारी को सरेआम नाक रगड़वाने के मामले में पीड़ित ने कैमरे के सामने अपना दर्द बयां किया। दैनिक भास्कर ने पीड़ित सत्यम रस्तोगी से 19 अक्टूबर की रात का पूरा घटनाक्रम जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… मैं अपने दोस्त के साथ डिनर करने गया था कपड़ा कारोबारी सत्यम रस्तोगी ने बताया कि 19 अक्टूबर मैं और मेरा दोस्त हम मेहता होटल तेजगढ़ी चौराहे के पास हम खाना खाने गए। वहां हमने गाड़ी पार्क कर दी। इसके बाद हमने खाना खाया। खाना खाकर हम बाहर निकले और गाड़ी में बैठे। गाड़ी में बैठने के बाद हमने देखा कि पीछे गाड़ियां खड़ी थीं। हम गाड़ी नहीं निकाल पा रहे थे। अगर हम गाड़ी निकालते तो हमारी कार यकीनन दूसरी कारों से टकरा जाती। हमने कहा भइया कार हटा लो अपनी कार निकालने के लिए हमने पीछे पलटकर देखा, वहां खड़े कुछ लोगों से कहा कि भइया गाड़ी हटा लो। लेकिन उन्होंने इसे अलग तरीके से लिया। इसके बाद फिर ये झगड़ा हो गया। बातें और विवाद बढ़ता चला गया..उसके बाद जो हुआ वो आप सबको पता है। अचानक वहां 20-30 लड़के आ गए मैं, मेरा दोस्त गाड़ी में ही बैठे थे। देखते-देखते वहां भीड़ बढ़ने लगी। उस पोजिशन पर मैंने देखा वहां 10, 20, 30 लोग इकट्ठे होते चले गए। बाकी आप सभी के पास वीडियो है, उसको देख सकते हैं। जो हुआ, गलत हुआ। मेरी सभी से इल्तजा है कि जो लोग इसे वायरल कर रहे हैं कृप्या इसे यहीं रोक दें, मैं पुलिस के एक्शन से सतुष्ट हूं, हमें कुछ नहीं कहना है। खुद को बचाने के लिए मैंने पैर पकड़कर माफी मांगी इसके बाद मुझे जो बोला गया वो सब लोगों ने देखा ही है। उस वक्त मुझे खुद को सेफ रखना था, अपने मित्र को सेफ रखना था, इसलिए उस पोजिशन के हिसाब से जो मुझे बेहतर लगा, सही लगा, मैंने हाथ जोड़कर, पैर पकड़कर माफी मांग ली। मंत्री जी का नाम क्यों लिया मुझे नहीं पता मंत्री जी का नाम क्यों लिया, इसको मैं नहीं बता सकता। इसके बारे में वो लड़का ही बता सकता है। मैं नहीं बता सकता। मेरा इस पर कुछ भी कहना नहीं है। हमारी किसी से कोई पर्सनल दुश्मनी नहीं है। न ही हम किसी को पर्सनली टार्गेट करना चाहते हैं। पर्सनल नाराजगी भी हमारी किसी से नहीं है। मैं विकुल चपराणा को नहीं जानता सत्यम रस्तोगी ने बताया कि विकुल चपराणा कौन है, मैं नहीं जानता। पुलिस-प्रशासन ने जो किया वो सही किया है। हम बहुत सिंपल आदमी हैं। रोज कुआं खोदना और रोज का खाना हमारा काम है। विकुल चपराणा को मैंने उस दिन उसे पहली बार देखा था। वीडियो वायरल हुआ, इसके बाद जब मैं उस जगह गया तब मुझे पता चला कि ये युवक विकुल चपराणा है। अब इस पूरे मामले पर भाजपा जिलाध्यक्ष की बात पढ़िए.. पार्टी जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा ने दैनिक भास्कर को बताया कि जो वीडियो वायरल हुआ, हमने उसे देखा है। भाजपा किसी भी ऐसे कृत्य का जो विकुल चपराणा का है उसका समर्थन नहीं करती है। आज विकुल चपराणा को हमने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया है। मैं और भाजपा महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी, विनीत शारदा जी हम स्वयं पीड़ित सत्यम रस्तोगी के घर जाकर उनसे मिलकर आए हैं। उन्हें हरसंभव न्याय मिलेगा उनकी हर तरह से मदद के लिए हम उनके साथ हैं। ये जो भी हुआ वो बहुत निंदनीय है। पुलिस प्रशासन इसमें निष्पक्ष जांच करके कार्रवाई करे। वैश्य बिरादरी में बढ़ रहा आक्रोश वहीं इस प्रकरण के बाद अब वैश्यों में आक्रोश बढ़ रहा है। अंतराष्ट्रीय वैश्य संगठन ने सीएम योगी को पत्र भेजकर पूरे मामले की शिकायत करते हुए कपड़ा कारोबारी सत्यम रस्तोगी के लिए न्याय की मांग की है। शहर में बुधवार को वैश्य संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल एसएसपी के आवास पर हंगामा करने पहुंचा। वैश्य बंधुओं ने एसएसपी के आवास के बाहर हंगामा कर विरोध जताया। कहा कि पुलिस ने पूरे प्रकरण में बेहद हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। आरोपी को पुलिस बचा रही है। केवल 151 की धाराओं में चालान कर उसे जमानत दे दी गई। जिस तरह आरोपी विकुल चपराणा ने सत्यम रस्तोगी को डराया, अपमानित किया है, यह निंदनीय है। महानगर अध्यक्ष के परिवार से है पीड़ित राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर का नाम लेकर गुर्जर नेता और भाजपा के पूर्व सदस्य विकुल चपराणा ने जिस कपड़ा कारोबारी सत्यम रस्तोगी का अपमान किया है, उससे सड़क पर नाक रगड़वाई वो सत्यम रस्तोगी भाजपा महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी के परिवार से हैं। सत्यम रस्तोगी का परिवार महानगर अध्यक्ष के परिवार से जुड़ा है। बुधवार को भाजपा जनप्रतिनिधि जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा और महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी पीड़ित से मिलने उसके घर पहुंचे तो ये संबंध सामने आया। चर्चा है कि महानगर अध्यक्ष के परिवार के व्यक्ति को राज्यमंत्री का नाम लेकर गुर्जर बिरादरी के युवक ने जिस बेखौफी से पुलिस के सामने अपमानित किया है वो निंदनीय है। सांसद, विधायक और व्यापार संघ की चुप्पी पर उठे सवाल फूलबाग काॅलोनी में वैश्य समाज के लोगों ने बैठक भी की है। अब तक पूरे प्रकरण में बिरादरी का कोई बड़ा नेता, जिनमें सांसद अरुण गोविल, पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल, कैंट विधायक अमित अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिध सामने नहीं आए हैं। किसी ने भी इस मामले पर बिरादरी का सपोर्ट नहीं किया है। इससे लोगों में नाराजगी है। लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना विरोध जताते हुए लिखा है कि वैश्यों की भाजपा में यही जगह है कि वो दूसरों से अपमानित होते रहें। इस मामले में व्यापार संघ की चुप्पी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।


