अमेरिकी सीनेटर जिम बैंक्स ने FDA (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) से भारत और चीन से आने वाली दवाओं की जांच और सख्ती से करने की मांग की है। उनका कहना है कि कुछ दवाओं की गुणवत्ता खराब हो सकती है और यह अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए खतरा पैदा कर सकती है। सीनेटर ने FDA कमिश्नर मार्टिन मकारी को पत्र लिखकर कहा कि विदेशी दवा निर्माण कारखानों की निगरानी बढ़ाई जाए और अमेरिकी दवा आपूर्ति को सुरक्षित बनाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जांच ढीली रही, तो अमेरिकी लोग खराब दवाओं के संपर्क में आ सकते हैं। FDA के डेटा के मुताबिक, जिन कारखानों को आयात चेतावनी मिली, उनमें करीब 39% चीन में और 13% भारत में थे। वित्तीय वर्ष 2024 में FDA ने सिर्फ 28% चीनी और 33% भारतीय कारखानों की जांच की। भारत के कुछ निर्माताओं में गंभीर उल्लंघन भी पाए गए। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… ट्रम्प के H1-B वीजा की फीस बढ़ाने के खिलाफ मुकदमा दर्ज; अमेरिकी चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने केस किया अमेरिकी चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने H-1B वीजा की फीस बढ़ाने के मामले में ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। ट्रम्प प्रशासन ने पिछले महीने H-1B वीजा के लिए आवेदन फीस 1 हजार डॉलर से बढ़ाकर 1 लाख डॉलर करने का फैसला किया है। चैम्बर का कहना है कि यह फीस गैरकानूनी है और इससे अमेरिकी कंपनियों को गंभीर नुकसान होगा। कोर्ट से कहा गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी अधिकार सीमा से बाहर जाकर यह फीस लगाई है और फेडरल एजेंसियों को इसे लागू करने से रोका जाए। H-1B वीजा हाई स्किल वाले कर्मचारियों के लिए है। ज्यादातर H-1B वीजा भारतीय कर्मचारियों को दिए जाते हैं। बड़े टेक कंपनियां इस वीजा का सबसे ज्यादा उपयोग करती हैं। हालांकि, शिक्षकों और डॉक्टरों जैसे जरूरी कर्मचारी भी इस वीजा से जुड़े हैं। ——————————— 16 अक्टूबर के वर्ल्ड अपडेट्स यहां पढ़ें….
वर्ल्ड अपडेट्स:अमेरिकी सीनेटर बोले- भारत और चीन से आने वाली दवाओं की सख्ती से जांच की जाए


