राजू श्रीवास्तव की स्मृति में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन:अवधी विकास संस्थान ने लखनऊ में ‘एक शाम राजू श्रीवास्तव के नाम’ कार्यक्रम किया

राजू श्रीवास्तव की स्मृति में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन:अवधी विकास संस्थान ने लखनऊ में ‘एक शाम राजू श्रीवास्तव के नाम’ कार्यक्रम किया

पद्मश्री से सम्मानित हास्य कलाकार दिवंगत राजू श्रीवास्तव की स्मृति में लखनऊ में एक सांस्कृतिक संध्या आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन अवधी विकास संस्थान ने किया। जिसका शीर्षक ‘एक शाम राजू श्रीवास्तव के नाम’ था। यह कार्यक्रम राजू श्रीवास्तव के जन्मदिवस के अवसर उपलक्ष्य में राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में किया गया। इसमें बड़ी संख्या में कला प्रेमी, साहित्यकार, सांस्कृतिक कर्मी और आम नागरिक उपस्थित रहे। सांस्कृतिक सत्र में अवधी और हिंदी लोकसंगीत की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं, जिन्होंने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। मिथिलेश लखनवी और डॉ. कुसुम वर्मा की प्रस्तुतियों को खूब सराहा गया। इस अवसर पर शिखा राजू श्रीवास्तव ने राजू श्रीवास्तव के संघर्षपूर्ण जीवन और उनकी कला यात्रा को याद करते हुए इस आयोजन की प्रशंसा की। इन लोगों को सम्मानित किया गया इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली हस्तियों को ‘राजू श्रीवास्तव स्मृति सम्मान–2025’ से सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में राज्यमंत्री और भारतेन्दु नाट्य अकादमी के अध्यक्ष रति शंकर त्रिपाठी, रिटायर मुख्य आयुक्त बी. आर. त्रिपाठी, पूर्व आईएएस योगेश्वर राम मिश्र, वरिष्ठ आईएएस आर. के. चतुर्वेदी, वरिष्ठ रंगकर्मी जगमोहन रावत, लोक गायिका डॉ. कुसुम वर्मा, चिकित्सक डॉ. अजय चौधरी, समाजसेवी देवेश श्रीवास्तव, ब्रजेश शुक्ला, नवीन सेठ, पत्रकार राजेश विक्रांत और अधिवक्ता वसीम सिद्दीकी प्रमुख थे। कार्यक्रम का नेतृत्व अवधी विकास संस्थान के अध्यक्ष विनोद मिश्रा ने किया। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य पवन सिंह मुख्य अतिथि थे, जबकि डॉ. हरि ओम (आईएएस) और नटवर गोयल विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार किया इस मौके पर विनोद मिश्रा ने कहा कि राजू श्रीवास्तव को केवल एक हास्य कलाकार नहीं, बल्कि आम आदमी की आवाज बताया। उन्होंने कहा कि राजू श्रीवास्तव ने हास्य के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों, भ्रष्टाचार और जनसमस्याओं पर प्रहार किया। मिश्रा ने इस आयोजन को लोकभाषाओं और लोककलाओं के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पहल बताया।

​ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *