लखनऊ में शुक्रवार को हुई आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक से मेरठ के सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों को निराशा हाथ लगी है। व्यापारियों को उम्मीद थी कि उनकी समस्याओं पर कोई सकारात्मक फैसला होगा, लेकिन बैठक में मेरठ का नाम तक नहीं लिया गया और कोई राहत नहीं मिली। सेंट्रल मार्केट के व्यापारी लंबे समय से अपने मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें विशेष रूप से उम्मीद थी कि आवास विकास परिषद बोर्ड की बैठक में उनके पक्ष में कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा या कम से कम उनके मसले पर चर्चा होगी। बैठक में मेरठ का जिक्र न होने से व्यापारियों की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है। व्यापारियों का कहना है कि वे पहले से ही अनिश्चितता के दौर से गुजर रहे हैं, और अब बोर्ड बैठक से भी कोई राहत न मिलने से उनका भविष्य और अधिक अंधकारमय हो गया है। सेंट्रल मार्केट से जुड़े सैकड़ों व्यापारी इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। व्यापारियों ने मेरठ जैसे बड़े शहर की उपेक्षा किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। उनका आरोप है कि यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो वे आगे की रणनीति बनाने को मजबूर होंगे। फिलहाल, बोर्ड बैठक के बाद सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों में मायूसी और आक्रोश का माहौल है, और सभी की निगाहें अब अगली कार्रवाई और संभावित फैसलों पर टिकी हुई हैं।


