भारतीय घरेलू क्रिकेट में बुधवार का दिन इतिहास के नाम हो गया, जब बिहार के 14 वर्षीय बल्लेबाज़ वैभव सूर्यवंशी ने विजय हजारे ट्रॉफी में ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी मुश्किल थी। प्लेट ग्रुप के मुकाबले में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ खेलते हुए इस किशोर बल्लेबाज़ ने क्रिकेट जगत का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
बता दें कि साकिबुल गनी की अगुवाई वाली बिहार टीम की ओर से ओपनिंग करने उतरे वैभव सूर्यवंशी ने शुरू से ही आक्रामक रुख अपनाया। उन्होंने महज 84 गेंदों में 190 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें 16 चौके और 15 छक्के शामिल रहे। उनकी बल्लेबाज़ी में न तो झिझक दिखी और न ही उम्र का असर।
मौजूद जानकारी के अनुसार, इस पारी के साथ वैभव सूर्यवंशी दुनिया के पहले ऐसे पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने 15 साल की उम्र से पहले टी20 और लिस्ट-ए दोनों प्रारूपों में शतक जड़ा है। इससे पहले वह टी20 क्रिकेट में भी शतक लगाकर सुर्खियों में आ चुके हैं।
गौरतलब है कि 14 साल और 272 दिन की उम्र में लिस्ट-ए शतक जड़कर उन्होंने पाकिस्तान के जहीर इलाही का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 1986 में 15 साल 209 दिन की उम्र में शतक लगाया था। इतना ही नहीं, वैभव ने महज 36 गेंदों में शतक पूरा कर भारतीय खिलाड़ियों में दूसरा सबसे तेज़ शतक भी लगाया, हालांकि बाद में उसी दिन यह रिकॉर्ड और पीछे खिसक गया।
उनकी पारी यहीं नहीं रुकी। वैभव ने 59 गेंदों में 150 रन पूरे कर लिए और एबी डिविलियर्स का वर्षों पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया, जिन्होंने 2015 विश्व कप में 64 गेंदों में यह आंकड़ा छुआ था। इस तूफानी बल्लेबाज़ी की बदौलत बिहार ने 574 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया, जो लिस्ट-ए क्रिकेट का अब तक का सर्वोच्च टीम स्कोर बन गया है।
कुल मिलाकर, वैभव सूर्यवंशी की यह पारी न सिर्फ आंकड़ों का खेल थी, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य की एक झलक भी थी, जिसने चयनकर्ताओं और प्रशंसकों दोनों की उम्मीदें नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दी हैं।


