दबंगों ने फेंकी लकडिय़ां, नहीं होने दिया दाह-संस्कार

दबंगों ने फेंकी लकडिय़ां, नहीं होने दिया दाह-संस्कार

– वनविभाग की भूमि पर नजर, अधिकारी भी चुप्पी साध गए

-वनविभाग ने शुरू की जांच, झूठी शिकायतों से ग्रामीण भयभीत

dholpur, सरमथुरा उपखंड के खिन्नोंट गांव में दबंगों ने शमशान घाट में महिला का अंतिम संस्कार नहीं करने देने की घटना को प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए भूमि की पड़ताल शुरू कर दी है। प्रथम दृष्टया शमशान घाट सरकारी भूमि में बना हुआ है जो राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार वनभूमि है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों की चुप्पी साधने पर दबंगों से मिलीभगत होने का आरोप लगाया है।

तहसीलदार महेश सिंह चौहान ने बताया कि खिन्नोंट गांव में एक वृद्ध महिला की मृत्यु होने के बाद गांव के शमशान घाट में अंत्येष्टि की तैयारियां की जा रही थी। इसी दौरान रामेश्वर दयाल मीणा अपने चाचा भरोसी मीणा के साथ पहुंच गया। दोनों ने शमशान घाट में महिला की अंत्येष्टि के लिए बनी चिता की लकडिय़ों को फंेकने लगे। जब तक मृतक महिला का शव भी शमशान घाट में पहुंच गया। अंत्येष्टि में शामिल लोगों ने दोनों व्यक्तियों से काफी समझाइश की गई लेकिन दोनों ही व्यक्तियों ने महिला की अंत्येष्टि नहीं होने दी। तहसीलदार ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिसए प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन पीडि़त परिवार महिला के शव को लेकर चले गए। हालांकि ग्रामीणों से पूछताछ की गई लेकिन ग्रामीणों ने किसी भी व्यक्ति का नाम नही लिया। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग की ओर से भूमि की पड़ताल की गई तो राजस्व रेकॉर्ड में उक्त भूमि वनविभाग के नाम इन्द्राज थी। प्रशासन ने वनविभाग के अधिकारियों को उक्त भूमि को कब्जा मुक्त कराने के लिए पाबंद किया गया है। गौरतलब है कि बुधवार को दबंगों की ओर से खिन्नोंट गांव के शमशान घाट में एक महिला के शव की अंत्येष्टि नही करने दी गई थी। पीडि़त परिवार ने निजी भूमि पर महिला की अंत्येष्टि की थी।

10 लाख में बनी थी सीसी सडक़, टीनशेड को 5 लाख मंजूर

ग्राम पंचायत पवैनी अन्तर्गत खिन्नोंट गांव में छह पूर्व विधायक निधि से 10 लाख की राशि खर्च कर शमशान घाट तक सीसी सडक़ का निर्माण कराया गया था। पंचायत ने सडक़ बनने के बाद ग्राम पंचायत में प्रस्ताव पारित कर शमशान घाट में टीनशेड के लिए 5 लाख की राशि स्वीकृत कर दी। हालांकि सडक़ बनने के बाद व्यक्ति ने शमशान घाट की भूमि पर कब्जा कर लिया। जिसके कारण ग्राम पंचायत की योजना अटक गई।

अतिक्रमी से सिस्टम भी भयभीत

अतिक्रमी की इलाके में खूब दबंगई है। अधिकारी ही नहीं कर्मचारी भी उक्त व्यक्ति से कन्नी काटते हैं। अधिकारी गलत शिकायतों के कारण उक्त व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने से कतराते हैं। आलम यह है कि गांव में स्कूल के बच्चों को खेलने के लिए खेल मैदान तक नही बनने दिया जा रहा है।

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