एमसीबी जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ में स्थित अटल आवास के रहवासी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में बने ये मकान वर्ष 2006-07 में निर्मित हुए थे, जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। इसी बीच, 25 दिसंबर को प्रदेश के 115 निकायों के साथ मनेन्द्रगढ़ में भी अटल परिसर का लोकार्पण हुआ, जिस पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। इन आवासों में रहने वाले लोगों के घरों में शौचालयों का पानी घुसने लगा है। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण ये परिवार यहीं निवास करने को विवश हैं, और उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। कई वर्षों से जर्जर अवस्था में फ्लैट जानकारी के अनुसार, गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले आवासहीन एवं भूमिहीन परिवारों के लिए वर्ष 2006-2007 में अटल आवास का निर्माण किया गया था। कुल 100 फ्लैट बनने थे, लेकिन केवल 90 फ्लैट ही बन पाए। वर्तमान में ये सभी फ्लैट कई वर्षों से जर्जर अवस्था में हैं। लाखों रुपए खर्च कर राजनीति करने का आरोप इस मामले में मनेन्द्रगढ़ नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार केशरवानी ने कहा कि अटल जी एक सर्वमान्य नेता थे। उनके नाम से चल रही योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि लाखों रुपए खर्च कर दिखावे की राजनीति की जा रही है, जबकि अटल आवास के रहवासी पानी और सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण गंदगी में रहने को मजबूर हैं। वहीं, नगर पालिका में विधायक प्रतिनिधि सरजू यादव ने बताया कि अटल आवास के जीर्णोद्धार के लिए नगरपालिका द्वारा डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) बनाकर शासन को भेजा गया है। साथ ही, नए मकानों के निर्माण की कार्य योजना भी बनाई जा रही है।


