अरवल में भाकपा कार्यकर्ताओं ने मनाया पार्टी स्थापना दिवस:संगठन के 100 साल पूरे हुए, 1925 में कानपुर में गठन हुआ था

अरवल में भाकपा कार्यकर्ताओं ने मनाया पार्टी स्थापना दिवस:संगठन के 100 साल पूरे हुए, 1925 में कानपुर में गठन हुआ था

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) का शताब्दी वर्ष 26 दिसंबर को अरवल में धूमधाम से मनाया गया। यह कार्यक्रम भाकपा के जिला सचिव कामरेड अरुण कुमार की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। पार्टी कार्यालय को लाल झंडों से सजाया गया था। शताब्दी वर्ष समारोह की शुरुआत झंडातोलन से हुई। सीपीआई के वयोवृद्ध नेता और मानिकपुर पंचायत के पूर्व मुखिया कामरेड लालबहादुर पासवान ने झंडा फहराया। इसके बाद, जिला सचिव कामरेड अरुण कुमार के नेतृत्व में पार्टी कार्यालय से एक जुलूस निकाला गया। इसमें सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता अपने हाथों में लाल झंडे लिए ‘इंकलाब जिंदाबाद’, ‘सीपीआई का 100वां वर्षगांठ जिंदाबाद’, ‘पूंजीवाद मुर्दाबाद’, ‘समाजवाद जिंदाबाद’ जैसे नारे लगा रहे थे। जुलूस 9 नंबर सिलिस से अरवल ब्लॉक परिसर स्थित डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुनः पार्टी कार्यालय लौटा, जहां एक सभा का आयोजन किया गया। पार्टी मेहनतकशों की भलाई के लिए संघर्ष किया- राज्य कार्यकारिणी सदस्य इस अवसर पर सीपीआई के राज्य कार्यकारिणी सदस्य कामरेड रविन्द्र नाथ राय ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 26 दिसंबर 1925 को कानपुर में हुई थी। पार्टी ने आजादी के आंदोलन में और आजादी के बाद देश के मेहनतकशों की भलाई के लिए संघर्षों एवं बलिदानों का शानदार इतिहास रचा है। ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ पार्टी का गठन कामरेड राय ने कहा कि पार्टी का निर्माण ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ देश के क्रांतिकारियों द्वारा किया गया था। इसके प्रमुख उद्देश्यों में जोतने वालों को जमीन, वयस्क मताधिकार, राष्ट्र की संपदा राष्ट्र के हाथों में, 8 घंटे का कार्य दिवस, संगठन बनाने, सभा प्रदर्शन और हड़ताल करने का लोकतांत्रिक अधिकार, महिलाओं को सामाजिक समानता और दलितों को सामाजिक न्याय दिलाना शामिल रहा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) का शताब्दी वर्ष 26 दिसंबर को अरवल में धूमधाम से मनाया गया। यह कार्यक्रम भाकपा के जिला सचिव कामरेड अरुण कुमार की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। पार्टी कार्यालय को लाल झंडों से सजाया गया था। शताब्दी वर्ष समारोह की शुरुआत झंडातोलन से हुई। सीपीआई के वयोवृद्ध नेता और मानिकपुर पंचायत के पूर्व मुखिया कामरेड लालबहादुर पासवान ने झंडा फहराया। इसके बाद, जिला सचिव कामरेड अरुण कुमार के नेतृत्व में पार्टी कार्यालय से एक जुलूस निकाला गया। इसमें सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता अपने हाथों में लाल झंडे लिए ‘इंकलाब जिंदाबाद’, ‘सीपीआई का 100वां वर्षगांठ जिंदाबाद’, ‘पूंजीवाद मुर्दाबाद’, ‘समाजवाद जिंदाबाद’ जैसे नारे लगा रहे थे। जुलूस 9 नंबर सिलिस से अरवल ब्लॉक परिसर स्थित डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुनः पार्टी कार्यालय लौटा, जहां एक सभा का आयोजन किया गया। पार्टी मेहनतकशों की भलाई के लिए संघर्ष किया- राज्य कार्यकारिणी सदस्य इस अवसर पर सीपीआई के राज्य कार्यकारिणी सदस्य कामरेड रविन्द्र नाथ राय ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 26 दिसंबर 1925 को कानपुर में हुई थी। पार्टी ने आजादी के आंदोलन में और आजादी के बाद देश के मेहनतकशों की भलाई के लिए संघर्षों एवं बलिदानों का शानदार इतिहास रचा है। ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ पार्टी का गठन कामरेड राय ने कहा कि पार्टी का निर्माण ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ देश के क्रांतिकारियों द्वारा किया गया था। इसके प्रमुख उद्देश्यों में जोतने वालों को जमीन, वयस्क मताधिकार, राष्ट्र की संपदा राष्ट्र के हाथों में, 8 घंटे का कार्य दिवस, संगठन बनाने, सभा प्रदर्शन और हड़ताल करने का लोकतांत्रिक अधिकार, महिलाओं को सामाजिक समानता और दलितों को सामाजिक न्याय दिलाना शामिल रहा है।  

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