बक्सर सांसद सुधाकर सिंह ने सदर विधायक आनंद मिश्रा पर निशाना साधा है। उन्होंने भाजपा और उसके ‘सिस्टम’ पर भी सवाल उठाए। सांसद ने कहा कि यदि किसी को गलत करते हुए रंगे हाथ पकड़ा जाता है, तो उस पर कार्रवाई करना नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से लड़ने का दावा खोखला एक खेल प्रतियोगिता के उद्घाटन कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए सांसद सिंह ने कहा कि कार्रवाई न होने से यह साबित होता है कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से लड़ने का दावा खोखला है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता, तो यह संकेत देता है कि आप भी उसी सिस्टम का हिस्सा हैं, जिससे लड़ने की बात करते हैं। सांसद ने आगे कहा कि बिहार में पिछले लगभग 20 वर्षों से भाजपा की सरकार रही है। स्वास्थ्य मंत्री भी भाजपा के ही हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि विधायक भले ही नए हों, लेकिन पार्टी और उसका सिस्टम पुराना है। इसी सिस्टम में ऐसी घटनाओं पर वास्तविक कार्रवाई नहीं होती, केवल बयानबाजी और प्रतीकात्मक विरोध किया जाता है। विधायक बिहार के नहीं, बल्कि ‘प्रवासी’ सदर विधायक आनंद मिश्रा पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि उन्हें नए विधायक के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि विधायक बिहार के नहीं, बल्कि ‘प्रवासी’ हैं। सांसद ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि बक्सर हमेशा से प्रवासियों का स्वागत करता रहा है और इस बार भी जनता ने एक प्रवासी को जिताया है। उन्होंने बताया कि विधायक का जन्म कोलकाता में हुआ, वहीं पढ़ाई-लिखाई हुई और वहीं से नौकरी में गए। बिहार में उनका कोई गांव या पूर्वजों से जुड़ा स्थान स्पष्ट नहीं है। जनता को दिखावे की राजनीति से सतर्क रहने की जरूरत सांसद ने कहा कि बक्सर में प्रवासियों को चुनने की परंपरा रही है और वही परंपरा अब भी जारी है। उन्होंने इस पूरे मुद्दे पर भाजपा और उसके नेताओं की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता को दिखावे की राजनीति से सतर्क रहने की जरूरत है। गौरतलब है कि सांसद सुधाकर सिंह बक्सर जिले में एक खेल प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में शामिल होने पहुंचे थे।इसी दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब में भाजपा, सिस्टम और सदर विधायक को लेकर यह बयान दिया, जो अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। बक्सर सांसद सुधाकर सिंह ने सदर विधायक आनंद मिश्रा पर निशाना साधा है। उन्होंने भाजपा और उसके ‘सिस्टम’ पर भी सवाल उठाए। सांसद ने कहा कि यदि किसी को गलत करते हुए रंगे हाथ पकड़ा जाता है, तो उस पर कार्रवाई करना नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से लड़ने का दावा खोखला एक खेल प्रतियोगिता के उद्घाटन कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए सांसद सिंह ने कहा कि कार्रवाई न होने से यह साबित होता है कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से लड़ने का दावा खोखला है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता, तो यह संकेत देता है कि आप भी उसी सिस्टम का हिस्सा हैं, जिससे लड़ने की बात करते हैं। सांसद ने आगे कहा कि बिहार में पिछले लगभग 20 वर्षों से भाजपा की सरकार रही है। स्वास्थ्य मंत्री भी भाजपा के ही हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि विधायक भले ही नए हों, लेकिन पार्टी और उसका सिस्टम पुराना है। इसी सिस्टम में ऐसी घटनाओं पर वास्तविक कार्रवाई नहीं होती, केवल बयानबाजी और प्रतीकात्मक विरोध किया जाता है। विधायक बिहार के नहीं, बल्कि ‘प्रवासी’ सदर विधायक आनंद मिश्रा पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि उन्हें नए विधायक के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि विधायक बिहार के नहीं, बल्कि ‘प्रवासी’ हैं। सांसद ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि बक्सर हमेशा से प्रवासियों का स्वागत करता रहा है और इस बार भी जनता ने एक प्रवासी को जिताया है। उन्होंने बताया कि विधायक का जन्म कोलकाता में हुआ, वहीं पढ़ाई-लिखाई हुई और वहीं से नौकरी में गए। बिहार में उनका कोई गांव या पूर्वजों से जुड़ा स्थान स्पष्ट नहीं है। जनता को दिखावे की राजनीति से सतर्क रहने की जरूरत सांसद ने कहा कि बक्सर में प्रवासियों को चुनने की परंपरा रही है और वही परंपरा अब भी जारी है। उन्होंने इस पूरे मुद्दे पर भाजपा और उसके नेताओं की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता को दिखावे की राजनीति से सतर्क रहने की जरूरत है। गौरतलब है कि सांसद सुधाकर सिंह बक्सर जिले में एक खेल प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में शामिल होने पहुंचे थे।इसी दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब में भाजपा, सिस्टम और सदर विधायक को लेकर यह बयान दिया, जो अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।


