रजौन में किसान संगोष्ठी आयोजित:कृषकों को वैज्ञानिक खेती की नई तकनीकें सिखाई गईं

रजौन में किसान संगोष्ठी आयोजित:कृषकों को वैज्ञानिक खेती की नई तकनीकें सिखाई गईं

बांका जिले के रजौन प्रखंड कृषि कार्यालय स्थित ई-किसान भवन में शुक्रवार को एक प्रखंड स्तरीय किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक खेती की नई तकनीकों से अवगत कराना और उनकी आय में वृद्धि करना था। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान एवं जय अनुसंधान” के मूल मंत्र के महत्व पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैज्ञानिक लगातार नई तकनीकों की खोज कर रहे हैं, जिन्हें सीधे किसानों के खेतों तक पहुंचाया जा रहा है। संगोष्ठी में सहायक तकनीकी प्रबंधक रंजन कुमार ने ‘लैब टू लैंड’ कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) और राज्य सरकार के अनुसंधान संस्थानों द्वारा विकसित आधुनिक कृषि तकनीकों को सरकारी अधिकारियों और कर्मियों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाता है। इसका लक्ष्य किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाकर आत्मनिर्भर बनाना है। इस दौरान किसान सलाहकारों की भूमिका पर भी चर्चा की गई। बताया गया कि वे जमीनी स्तर पर खेती से जुड़ी नई तकनीकी जानकारियां सीधे किसानों तक पहुंचाते हैं। इससे किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और तकनीकी लाभों का समुचित फायदा मिल पाता है। इस प्रखंड स्तरीय किसान संगोष्ठी में कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार सहित सैकड़ों किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। बांका जिले के रजौन प्रखंड कृषि कार्यालय स्थित ई-किसान भवन में शुक्रवार को एक प्रखंड स्तरीय किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक खेती की नई तकनीकों से अवगत कराना और उनकी आय में वृद्धि करना था। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान एवं जय अनुसंधान” के मूल मंत्र के महत्व पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैज्ञानिक लगातार नई तकनीकों की खोज कर रहे हैं, जिन्हें सीधे किसानों के खेतों तक पहुंचाया जा रहा है। संगोष्ठी में सहायक तकनीकी प्रबंधक रंजन कुमार ने ‘लैब टू लैंड’ कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) और राज्य सरकार के अनुसंधान संस्थानों द्वारा विकसित आधुनिक कृषि तकनीकों को सरकारी अधिकारियों और कर्मियों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाता है। इसका लक्ष्य किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाकर आत्मनिर्भर बनाना है। इस दौरान किसान सलाहकारों की भूमिका पर भी चर्चा की गई। बताया गया कि वे जमीनी स्तर पर खेती से जुड़ी नई तकनीकी जानकारियां सीधे किसानों तक पहुंचाते हैं। इससे किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और तकनीकी लाभों का समुचित फायदा मिल पाता है। इस प्रखंड स्तरीय किसान संगोष्ठी में कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार सहित सैकड़ों किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।  

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