खगड़िया में लगातार बढ़ती ठंड और शीतलहर के प्रकोप के बीच खगड़िया जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने जरूरतमंदों के लिए राहत की गर्माहट पहुंचाई। खगड़िया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अमनी एवं पश्चिमी ठाठा गांव में गुरुवार की शाम करीब सात बजे व्यापक कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी नवीन कुमार, उप विकास आयुक्त (डीडीसी) अभिषेक पलासिया तथा सदर विधायक बबलू कुमार मंडल की उपस्थिति ने प्रशासनिक संवेदनशीलता और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता को रेखांकित किया। भीषण ठंड में गांव-गांव पहुंचा प्रशासन कड़ाके की ठंड और ठिठुराती रात के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि स्वयं गांव पहुंचे। उन्होंने कतार में खड़े जरूरतमंदों, बुजुर्गों, महिलाओं और असहाय लोगों के पास जाकर कंबल सौंपे। इस दौरान सैकड़ों गरीब परिवारों को ठंड से बचाव के लिए कंबल उपलब्ध कराए गए। कार्यक्रम पूरी तरह सुव्यवस्थित रहा और लाभार्थियों में किसी तरह की अफरा-तफरी नहीं देखने को मिली, जिससे प्रशासन की बेहतर योजना और क्रियान्वयन क्षमता स्पष्ट दिखी। कंबल पाकर चेहरे पर लौटी मुस्कान कंबल मिलते ही ठंड से ठिठुर रहे लोगों के चेहरों पर राहत और मुस्कान लौट आई। अमनी गांव की एक बुजुर्ग महिला कंबल लेकर भावुक हो उठीं, उनकी आंखें भर आईं। उन्होंने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को दुआएं दीं। वहीं कई महिलाओं और वृद्धों ने कहा कि इस कड़ाके की ठंड में कंबल मिलना उनके लिए बड़ी राहत है। ग्रामीणों का कहना था कि ठंड के मौसम में ऐसी मदद जीवन रक्षक साबित होती है। जिलाधिकारी ने दिए स्पष्ट निर्देश इस अवसर पर जिलाधिकारी नवीन कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन की प्राथमिकता है कि ठंड के मौसम में कोई भी गरीब, असहाय और जरूरतमंद व्यक्ति ठिठुरने को मजबूर न हो। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि चिह्नित जरूरतमंदों तक समय पर राहत सामग्री पहुंचाई जाए। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि शीतलहर को देखते हुए आगे भी जरूरत के अनुसार कंबल वितरण सहित अन्य राहत कार्य लगातार जारी रहेंगे। डीडीसी ने बताई प्रशासन की रणनीति उप विकास आयुक्त अभिषेक पलासिया ने कहा कि जिले के सभी प्रखंडों और पंचायतों में लगातार निगरानी रखते हुए कंबल वितरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशासन की टीम जरूरतमंदों की पहचान कर रही है ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति राहत से वंचित न रहे। उन्होंने ग्रामीणों से भी अपील की कि यदि उनके आसपास कोई जरूरतमंद छूट गया हो तो उसकी सूचना प्रशासन को दें। विधायक बोले- जरूरतमंदों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म सदर विधायक बबलू कुमार मंडल ने कहा कि सरकार और प्रशासन आमजन के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है और आगे भी इस तरह के कार्यक्रम निरंतर चलते रहेंगे। विधायक ने भरोसा दिलाया कि ठंड के मौसम में गरीब और असहाय लोगों को किसी भी हाल में अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। मानवीय पहल से बढ़ा भरोसा कंबल वितरण कार्यक्रम के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक कर्मी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। इस मानवीय पहल से गांवों में प्रशासन के प्रति भरोसा और सकारात्मक संदेश देखने को मिला। ग्रामीणों ने कहा कि जब अधिकारी और जनप्रतिनिधि स्वयं गांव आकर मदद करते हैं, तो आमजन का मनोबल बढ़ता है। शीतलहर में संजीवनी बनी राहत ठंड के इस कठिन समय में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की यह पहल जरूरतमंदों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं रही। जिले में लगातार गिरते तापमान के बीच कंबल वितरण जैसे कार्यक्रमों ने यह संदेश दिया है कि शासन-प्रशासन केवल आदेश तक सीमित नहीं, बल्कि जमीन पर उतरकर लोगों के दर्द को समझने और राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। खगड़िया में लगातार बढ़ती ठंड और शीतलहर के प्रकोप के बीच खगड़िया जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने जरूरतमंदों के लिए राहत की गर्माहट पहुंचाई। खगड़िया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अमनी एवं पश्चिमी ठाठा गांव में गुरुवार की शाम करीब सात बजे व्यापक कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी नवीन कुमार, उप विकास आयुक्त (डीडीसी) अभिषेक पलासिया तथा सदर विधायक बबलू कुमार मंडल की उपस्थिति ने प्रशासनिक संवेदनशीलता और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता को रेखांकित किया। भीषण ठंड में गांव-गांव पहुंचा प्रशासन कड़ाके की ठंड और ठिठुराती रात के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि स्वयं गांव पहुंचे। उन्होंने कतार में खड़े जरूरतमंदों, बुजुर्गों, महिलाओं और असहाय लोगों के पास जाकर कंबल सौंपे। इस दौरान सैकड़ों गरीब परिवारों को ठंड से बचाव के लिए कंबल उपलब्ध कराए गए। कार्यक्रम पूरी तरह सुव्यवस्थित रहा और लाभार्थियों में किसी तरह की अफरा-तफरी नहीं देखने को मिली, जिससे प्रशासन की बेहतर योजना और क्रियान्वयन क्षमता स्पष्ट दिखी। कंबल पाकर चेहरे पर लौटी मुस्कान कंबल मिलते ही ठंड से ठिठुर रहे लोगों के चेहरों पर राहत और मुस्कान लौट आई। अमनी गांव की एक बुजुर्ग महिला कंबल लेकर भावुक हो उठीं, उनकी आंखें भर आईं। उन्होंने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को दुआएं दीं। वहीं कई महिलाओं और वृद्धों ने कहा कि इस कड़ाके की ठंड में कंबल मिलना उनके लिए बड़ी राहत है। ग्रामीणों का कहना था कि ठंड के मौसम में ऐसी मदद जीवन रक्षक साबित होती है। जिलाधिकारी ने दिए स्पष्ट निर्देश इस अवसर पर जिलाधिकारी नवीन कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन की प्राथमिकता है कि ठंड के मौसम में कोई भी गरीब, असहाय और जरूरतमंद व्यक्ति ठिठुरने को मजबूर न हो। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि चिह्नित जरूरतमंदों तक समय पर राहत सामग्री पहुंचाई जाए। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि शीतलहर को देखते हुए आगे भी जरूरत के अनुसार कंबल वितरण सहित अन्य राहत कार्य लगातार जारी रहेंगे। डीडीसी ने बताई प्रशासन की रणनीति उप विकास आयुक्त अभिषेक पलासिया ने कहा कि जिले के सभी प्रखंडों और पंचायतों में लगातार निगरानी रखते हुए कंबल वितरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशासन की टीम जरूरतमंदों की पहचान कर रही है ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति राहत से वंचित न रहे। उन्होंने ग्रामीणों से भी अपील की कि यदि उनके आसपास कोई जरूरतमंद छूट गया हो तो उसकी सूचना प्रशासन को दें। विधायक बोले- जरूरतमंदों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म सदर विधायक बबलू कुमार मंडल ने कहा कि सरकार और प्रशासन आमजन के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है और आगे भी इस तरह के कार्यक्रम निरंतर चलते रहेंगे। विधायक ने भरोसा दिलाया कि ठंड के मौसम में गरीब और असहाय लोगों को किसी भी हाल में अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। मानवीय पहल से बढ़ा भरोसा कंबल वितरण कार्यक्रम के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक कर्मी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। इस मानवीय पहल से गांवों में प्रशासन के प्रति भरोसा और सकारात्मक संदेश देखने को मिला। ग्रामीणों ने कहा कि जब अधिकारी और जनप्रतिनिधि स्वयं गांव आकर मदद करते हैं, तो आमजन का मनोबल बढ़ता है। शीतलहर में संजीवनी बनी राहत ठंड के इस कठिन समय में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की यह पहल जरूरतमंदों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं रही। जिले में लगातार गिरते तापमान के बीच कंबल वितरण जैसे कार्यक्रमों ने यह संदेश दिया है कि शासन-प्रशासन केवल आदेश तक सीमित नहीं, बल्कि जमीन पर उतरकर लोगों के दर्द को समझने और राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।


