शामली जनपद में लकड़ी माफिया द्वारा हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर और पर्यावरण संरक्षण को लेकर सख्त कानून होने के बावजूद माफिया बेखौफ होकर पेड़ों पर आरा चला रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सब वन विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है। गुरुवार को झिंझाना रोड से कैराना रोड की ओर जा रही एक ट्रैक्टर-ट्रॉली का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में ट्रॉली पर हरे-भरे आम के पेड़ों की लकड़ियां लदी नजर आ रही हैं। यह वीडियो सामने आते ही जिले में अवैध कटान का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया। रात के अंधेरे में ढुलाई, चर्चित ठेकेदार का नाम सूत्रों के मुताबिक, मेरठ-करनाल हाईवे मार्ग से रात के समय ट्रैक्टर-ट्रॉली के जरिए ढोई जा रही यह लकड़ी झिंझाना क्षेत्र के चर्चित ठेकेदार ‘बंटी’ की बताई जा रही है। लकड़ी को झिंझाना हाईवे से शामली के कैराना रोड स्थित लकड़ी की आढ़त तक पहुंचाया गया। बिना रिफ्लेक्टर ट्रॉली, हादसे का खतरा हैरानी की बात यह रही कि ट्रैक्टर-ट्रॉली पर रिफ्लेक्टर टेप तक नहीं लगे थे। घने कोहरे के बीच रात में इस तरह लकड़ी की ढुलाई से सड़क हादसों का खतरा भी बना रहा। आरोप है कि माफिया जानबूझकर रात के अंधेरे का फायदा उठाकर अवैध कारोबार को अंजाम देते हैं। कानून को ठेंगा दिखा रहे माफिया उत्तर प्रदेश ट्री प्रोटेक्शन एक्ट-1976 के तहत हरे पेड़ों की कटाई पर सख्त प्रतिबंध है। बावजूद इसके शामली जिले में कानून खुलेआम टूट रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के अवैध कटान से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है और भूजल स्तर भी तेजी से गिर रहा है। पहले भी सामने आ चुकी हैं करतूतें जिले में इससे पहले भी लकड़ी माफिया की कई करतूतें उजागर हो चुकी हैं। इसके बावजूद कार्रवाई न होने से माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि वन विभाग की मिलीभगत के बिना इतने बड़े पैमाने पर हरे पेड़ों की कटाई संभव ही नहीं है। समाजसेवियों की चेतावनी शामली के समाजसेवियों का कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते अवैध कटान पर सख्त कार्रवाई नहीं की, तो जिले की हरियाली पूरी तरह खत्म हो जाएगी। हरे पेड़ ऑक्सीजन के प्रमुख स्रोत हैं और इनकी कटाई सीधे तौर पर जनता की सांसों पर हमला है। गैंगस्टर एक्ट लगाने की मांग लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध कटान के मामलों की गहन जांच कर लकड़ी माफियाओं पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए और उनकी अवैध संपत्तियां जब्त की जाएं। साथ ही वन विभाग के लापरवाह अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई हो। लोगों का कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो लकड़ी माफिया और बेखौफ होकर पर्यावरण और जनता की सांसों से खिलवाड़ करते रहेंगे।


