कैमूर में भीषण शीतलहर का असर:क्लास 10 तक के स्कूल दो दिन बंद, प्रशासन ने जारी किया आदेश

कैमूर में भीषण शीतलहर का असर:क्लास 10 तक के स्कूल दो दिन बंद, प्रशासन ने जारी किया आदेश

कैमूर में इन दिनों पड़ रही भीषण शीतलहर और कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। तापमान में लगातार गिरावट और ठंडी हवाओं के कारण खासकर छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडराने लगा है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए शैक्षणिक गतिविधियों पर आंशिक रोक लगाने का फैसला किया है। जिला दण्डाधिकारी का सख्त आदेश जिला दण्डाधिकारी, कैमूर द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के अनुसार जिले के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में कक्षा 10वीं तक की पढ़ाई अस्थायी रूप से स्थगित रहेगी। यह आदेश प्री-स्कूल, निजी विद्यालयों के नर्सरी-केजी वर्ग तथा सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी लागू होगा। कक्षा 10 तक के विद्यालय 26 और 27 दिसंबर को बंद प्रशासन द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, 26 दिसंबर से 27 दिसंबर 2025 तक कैमूर जिले के सभी विद्यालयों में कक्षा 10वीं तक की शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह बंद रहेंगी। प्रशासन का स्पष्ट मानना है कि अत्यधिक ठंड बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकती है, जिससे सर्दी-जुकाम, निमोनिया और अन्य मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उच्च कक्षाओं के लिए सीमित समय हालांकि कक्षा 10वीं से ऊपर की पढ़ाई पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई गई है। आदेश के अनुसार कक्षा 11वीं और उससे ऊपर की कक्षाएं सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक ही संचालित की जाएंगी। विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि इन कक्षाओं का संचालन पूरी सावधानी और सुरक्षा के साथ किया जाए, ताकि छात्रों को ठंड से न्यूनतम जोखिम हो। परीक्षा और विशेष कक्षाओं को छूट जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मिशन दक्ष, प्री-बोर्ड, बोर्ड परीक्षा और उससे संबंधित विशेष कक्षाएं व परीक्षाएं इस आदेश के दायरे से बाहर रहेंगी। इन गतिविधियों को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संचालित किया जा सकेगा, लेकिन विद्यालयों को छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए विशेष व्यवस्था आंगनबाड़ी केंद्रों को लेकर भी प्रशासन ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्र दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक केवल पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खुले रहेंगे। बच्चों को लंबे समय तक ठंड में बैठने से बचाने के लिए शैक्षणिक गतिविधियों पर पूरी तरह रोक रहेगी। आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी तय इन निर्देशों के प्रभावी अनुपालन की जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आईसीडीएस को सौंपी गई है। सभी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों को आदेश का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित संस्थान के विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। अभिभावकों से विशेष अपील जिला प्रशासन ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे बच्चों को ठंड से बचाने के लिए विशेष सावधानी बरतें। बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं, अनावश्यक रूप से सुबह-शाम बाहर न निकलने दें और स्वास्थ्य संबंधी किसी भी परेशानी की स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। एहतियात ही सबसे बड़ा बचाव प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय पूरी तरह बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। शीतलहर के दौरान एहतियाती कदम ही सबसे बड़ा बचाव है। मौसम की स्थिति को देखते हुए आगे भी आवश्यकतानुसार निर्णय लिए जा सकते हैं। कुल मिलाकर, कैमूर जिला प्रशासन का यह कदम बच्चों के हित में उठाया गया एक महत्वपूर्ण और सराहनीय प्रयास माना जा रहा है, जिससे ठंड के इस प्रकोप में किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। कैमूर में इन दिनों पड़ रही भीषण शीतलहर और कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। तापमान में लगातार गिरावट और ठंडी हवाओं के कारण खासकर छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडराने लगा है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए शैक्षणिक गतिविधियों पर आंशिक रोक लगाने का फैसला किया है। जिला दण्डाधिकारी का सख्त आदेश जिला दण्डाधिकारी, कैमूर द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के अनुसार जिले के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में कक्षा 10वीं तक की पढ़ाई अस्थायी रूप से स्थगित रहेगी। यह आदेश प्री-स्कूल, निजी विद्यालयों के नर्सरी-केजी वर्ग तथा सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी लागू होगा। कक्षा 10 तक के विद्यालय 26 और 27 दिसंबर को बंद प्रशासन द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, 26 दिसंबर से 27 दिसंबर 2025 तक कैमूर जिले के सभी विद्यालयों में कक्षा 10वीं तक की शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह बंद रहेंगी। प्रशासन का स्पष्ट मानना है कि अत्यधिक ठंड बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकती है, जिससे सर्दी-जुकाम, निमोनिया और अन्य मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उच्च कक्षाओं के लिए सीमित समय हालांकि कक्षा 10वीं से ऊपर की पढ़ाई पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई गई है। आदेश के अनुसार कक्षा 11वीं और उससे ऊपर की कक्षाएं सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक ही संचालित की जाएंगी। विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि इन कक्षाओं का संचालन पूरी सावधानी और सुरक्षा के साथ किया जाए, ताकि छात्रों को ठंड से न्यूनतम जोखिम हो। परीक्षा और विशेष कक्षाओं को छूट जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मिशन दक्ष, प्री-बोर्ड, बोर्ड परीक्षा और उससे संबंधित विशेष कक्षाएं व परीक्षाएं इस आदेश के दायरे से बाहर रहेंगी। इन गतिविधियों को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संचालित किया जा सकेगा, लेकिन विद्यालयों को छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए विशेष व्यवस्था आंगनबाड़ी केंद्रों को लेकर भी प्रशासन ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्र दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक केवल पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खुले रहेंगे। बच्चों को लंबे समय तक ठंड में बैठने से बचाने के लिए शैक्षणिक गतिविधियों पर पूरी तरह रोक रहेगी। आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी तय इन निर्देशों के प्रभावी अनुपालन की जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आईसीडीएस को सौंपी गई है। सभी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों को आदेश का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित संस्थान के विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। अभिभावकों से विशेष अपील जिला प्रशासन ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे बच्चों को ठंड से बचाने के लिए विशेष सावधानी बरतें। बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं, अनावश्यक रूप से सुबह-शाम बाहर न निकलने दें और स्वास्थ्य संबंधी किसी भी परेशानी की स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। एहतियात ही सबसे बड़ा बचाव प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय पूरी तरह बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। शीतलहर के दौरान एहतियाती कदम ही सबसे बड़ा बचाव है। मौसम की स्थिति को देखते हुए आगे भी आवश्यकतानुसार निर्णय लिए जा सकते हैं। कुल मिलाकर, कैमूर जिला प्रशासन का यह कदम बच्चों के हित में उठाया गया एक महत्वपूर्ण और सराहनीय प्रयास माना जा रहा है, जिससे ठंड के इस प्रकोप में किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।  

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