भोजपुर के चांदी थाना क्षेत्र अंतर्गत भगवतपुर गांव में छुट्टी पर आए झारखंड पुलिस के हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी की हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। इस हत्याकांड में मृतक के इकलौते बेटे विशाल तिवारी और उसके दोस्त मो. जिशान अहमद जिलानी को गिरफ्तार किया गया है। इसकी जानकारी सदर एसडीपीओ-टू रंजीत कुमार सिंह ने दी है। एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में भगवतपुर गांव निवासी मृतक का बेटा विशाल तिवारी और झारखंड के हजारीबाग के लोहसिगना थाना क्षेत्र अंतर्गत लेक रोड निवासी मो. जिशान अहमद जिलानी शामिल है। विशाल को उसके गांव से, जबकि जिशान को हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया। हत्या में इस्तेमाल मोबाइल बरामद कर लिया गया है, जबकि बाइक हजारीबाग में है। बेटा और उसके दोस्त ने दिया वारदात को अंजाम पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि 19 दिसंबर की शाम करीब छह बजे दोनों बाइक से हजारीबाग से निकले और रात करीब डेढ़ बजे भगवतपुर पहुंचे। घर के पास पेड़ के सहारे मकान में घुसकर बरामदे में पलंग पर सो रहे पशुपतिनाथ तिवारी की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। पहले बेटे ने और फिर उसके दोस्त ने चाकू से वारदात को अंजाम दिया। वारदात के बाद दोनों बाइक से हजारीबाग की ओर फरार हो गए। भागने के दौरान सहार पुल के पास सोन नदी में चाकू और दस्ताने फेंक दिए गए। झारखंड पुलिस में बतौर हवलदार थे तैनात मृत हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी झारखंड पुलिस के पीसीआर शाखा में चालक हवलदार के पद पर तैनात थे और 31 जनवरी 2026 को सेवानिवृत्त होने वाले थे। आरोपी विशाल को यह लालच था कि यदि पिता की सेवा अवधि में मृत्यु हो जाती है तो उसे अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी मिल सकती है। पैसों और संपत्ति पर कब्जा करने की नीयत से उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची। दो बीघा जमीन को लेकर भी था विवाद एसडीपीओ ने बताया कि विशाल नशे का आदी है, जिस कारण पिता-बेटे के रिश्ते तनावपूर्ण थे। हाल ही में मृतक ने दो बीघा जमीन का एग्रीमेंट कराया था, जिसकी जानकारी बेटे को नहीं दी थी। इससे वह नाराज था और उसे आशंका थी कि पिता अपनी विवाहित बेटी प्रियंका तिवारी के नाम संपत्ति कर सकते हैं। इसी कारण हत्या की वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद पहचान मिटाने के लिए मृतक का अंगूठा भी काट दिया। पहले बाइक हादसे के जरिए हत्या की रची थी साजिश तकनीकी अनुसंधान और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस ने पहले जिशान को हिरासत में लिया। सख्त पूछताछ में पूरे हत्याकांड का खुलासा हुआ, जिसके बाद विशाल की गिरफ्तारी हुई। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि करीब दो साल पहले भी बाइक हादसे के जरिए हत्या की साजिश रची गई थी, जो असफल रही थी। इस हत्या की वारदात के बाद मृतक की बेटी को भी रास्ते से हटाने की योजना थी। फिलहाल मृतक की पत्नी की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इस मामले में चांदी थाना में अज्ञात के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। भोजपुर के चांदी थाना क्षेत्र अंतर्गत भगवतपुर गांव में छुट्टी पर आए झारखंड पुलिस के हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी की हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। इस हत्याकांड में मृतक के इकलौते बेटे विशाल तिवारी और उसके दोस्त मो. जिशान अहमद जिलानी को गिरफ्तार किया गया है। इसकी जानकारी सदर एसडीपीओ-टू रंजीत कुमार सिंह ने दी है। एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में भगवतपुर गांव निवासी मृतक का बेटा विशाल तिवारी और झारखंड के हजारीबाग के लोहसिगना थाना क्षेत्र अंतर्गत लेक रोड निवासी मो. जिशान अहमद जिलानी शामिल है। विशाल को उसके गांव से, जबकि जिशान को हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया। हत्या में इस्तेमाल मोबाइल बरामद कर लिया गया है, जबकि बाइक हजारीबाग में है। बेटा और उसके दोस्त ने दिया वारदात को अंजाम पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि 19 दिसंबर की शाम करीब छह बजे दोनों बाइक से हजारीबाग से निकले और रात करीब डेढ़ बजे भगवतपुर पहुंचे। घर के पास पेड़ के सहारे मकान में घुसकर बरामदे में पलंग पर सो रहे पशुपतिनाथ तिवारी की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। पहले बेटे ने और फिर उसके दोस्त ने चाकू से वारदात को अंजाम दिया। वारदात के बाद दोनों बाइक से हजारीबाग की ओर फरार हो गए। भागने के दौरान सहार पुल के पास सोन नदी में चाकू और दस्ताने फेंक दिए गए। झारखंड पुलिस में बतौर हवलदार थे तैनात मृत हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी झारखंड पुलिस के पीसीआर शाखा में चालक हवलदार के पद पर तैनात थे और 31 जनवरी 2026 को सेवानिवृत्त होने वाले थे। आरोपी विशाल को यह लालच था कि यदि पिता की सेवा अवधि में मृत्यु हो जाती है तो उसे अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी मिल सकती है। पैसों और संपत्ति पर कब्जा करने की नीयत से उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची। दो बीघा जमीन को लेकर भी था विवाद एसडीपीओ ने बताया कि विशाल नशे का आदी है, जिस कारण पिता-बेटे के रिश्ते तनावपूर्ण थे। हाल ही में मृतक ने दो बीघा जमीन का एग्रीमेंट कराया था, जिसकी जानकारी बेटे को नहीं दी थी। इससे वह नाराज था और उसे आशंका थी कि पिता अपनी विवाहित बेटी प्रियंका तिवारी के नाम संपत्ति कर सकते हैं। इसी कारण हत्या की वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद पहचान मिटाने के लिए मृतक का अंगूठा भी काट दिया। पहले बाइक हादसे के जरिए हत्या की रची थी साजिश तकनीकी अनुसंधान और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस ने पहले जिशान को हिरासत में लिया। सख्त पूछताछ में पूरे हत्याकांड का खुलासा हुआ, जिसके बाद विशाल की गिरफ्तारी हुई। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि करीब दो साल पहले भी बाइक हादसे के जरिए हत्या की साजिश रची गई थी, जो असफल रही थी। इस हत्या की वारदात के बाद मृतक की बेटी को भी रास्ते से हटाने की योजना थी। फिलहाल मृतक की पत्नी की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इस मामले में चांदी थाना में अज्ञात के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।


