BSc Nursing Admission: इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) ने बीएससी नर्सिंग में जीरो पर्सेंटाइल से प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पिछले माह इस संबंध में आईएनसी को पत्र लिखा था। प्रदेश में 57 फीसदी सीटें खाली हैं। इनमें आधी सीटें तभी भर पाएंगी, जब पर्सेंटाइल जीरो किया जाए। अगर इसकी अनुमति मिल भी जाती है तो 20 फीसदी से ज्यादा सीटें खाली रहने की संभावना है।
BSc Nursing Admission: पर्सेंटाइल घटाने से इनकार
निजी कॉलेजों को इस बात की राहत मिली है कि अब प्रवेश की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। पहले यह तारीख 30 नवंबर थी। प्रदेश में बीएससी नर्सिंग कोर्स का बुरा हाल है। काउंसङ्क्षलग के चार राउंड के बाद भी 7751 में 4427 सीटें खाली हैं। इसे भरने के लिए डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन ने नवंबर में आईएनसी को पत्र लिखकर पर्सेंटाइल की बाध्यता खत्म करने व प्रवेश की तारीख बढ़ाने की मांग की थी। आईएनसी ने तारीख तो बढ़ा दी है, लेकिन क्वालिटी एजुकेशन का हवाला देते हुए पर्सेंटाइल घटाने से इनकार कर दिया है।
अब देखने वाली बात है कि इस मामले में प्रदेश सरकार क्या निर्णय लेती है। चाहे तो डीएमई कार्यालय फिर से आईएनसी को पत्र लिखकर पर्सेंटाइल घटाने की मांग कर सकता है। दरअसल बीएससी में एडमिशन की आखिरी तारीख कभी भी बढ़ा दी जाती है। 2023 में 30 नवंबर प्रवेश की आखिरी तारीख थी। अचानक ढाई माह बाद प्रवेश की आखिरी तारीख 28 फरवरी कर दी गई थी। इस बार भी दिसंबर से आगे तारीख बढ़ाई जा सकती है। हालांकि आईएनसी ने पत्र में कहा है कि अब एडमिशन की तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी। शासन को इंट्रेंस एग्जाम कराने की मजबूरी है।
इंट्रेंस एग्जाम अनिवार्य
दरअसल कोई भी प्रोफेशनल कोर्स के लिए इंट्रेंस एग्जाम अनिवार्य है। ऐसा नहीं होता तो इंट्रेंस एग्जाम ही न हो और 12वीं बायोलॉजी में मिले नंबरों के अनुसार एडमिशन दे दिया जाता। हालांकि 4-5 साल पहले ऐसा भी हो चुका है। बीएससी कोर्स की ये हालत हो गई है कि कुछ कॉलेज छात्रों को कई ऑफर देते रहे हैं। यहां तक कि 52 से 58 हजार सालाना ट्यूशन फीस से भी कम फीस ली जा रही है। इसके बाद भी सीटें नहीं भर रही है। 2023 में जीरो पर्सेंटाइल से प्रवेश के बाद भी 900 से ज्यादा सीटें खाली रह गईं। पहले के वर्षों में औसतन 20 फीसदी सीटें खाली रही हैं।
महाराष्ट्र व मप्र में जीरो पर्सेंटाइल का आदेश
BSc Nursing Admission: मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही जीरो पर्सेंटाइल से एडमिशन देने का आदेश जारी किया है। सीट भर सके इसलिए सभी सीटों को कॉलेजों को सौंपा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि निजी नर्सिंग कॉलेजों में जब जीरो पर्सेंटाइल से ही स्टूडेंट्स को एडमिशन देना है तो व्यापमं से इंट्रेंस एग्जाम कराने की औपचारिकता क्यों निभाई जा रही है?
प्रदेश में 132 नर्सिंग कॉलेज हैं, जिनमें बीएससी नर्सिंग कोर्स का संचालन किया जा रहा है। बीएससी नर्सिंग में प्रवेश के लिए हर साल इंट्रेंस एग्जाम होता है, जो केवल औपचारिकता साबित हो रही है। औपचारिकता इसलिए क्योंकि दो या तीन राउंड के बाद सीटें खाली रहने पर जीरो पर्सेंटाइल से प्रवेश देने की मांग की जाती है। पिछले साल 5त्न अंक वाले विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया था।


