अब मप्र में एक लाख रुपए से ज्यादा की साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में लोगों को थाने के चक्कर से राहत मिलेगी। मप्र में ई-जीरो एफआईआर व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसके तहत 1930 हेल्पलाइन या नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर शिकायत करते ही मामला खुद ब खुद ही एफआईआर में तब्दील हो जाएगा। यह व्यवस्था साइबर सुरक्षित भारत विजन के तहत मप्र में भी शुरू की गई है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ई-जीरो एफआईआर कर रही थी। इसका मकसद क्षेत्राधिकार की बाधा हटाकर फौरन जांच को शुरू करना है, ताकि पीड़ित की राशि जल्द सुरक्षित हो सके। अब तक ऐसे मामलों में सिर्फ शिकायत ही दर्ज की जाती थी। इसलिए मप्र में साइबर अपराधों की एफआईआर दर्ज किए जाने का औसत महज 3-4% ही था। हालांकि, एक लाख रुपए से कम की साइबर वित्तीय धोखाधड़ी में पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी। 2 घंटे में 1930 पर करें शिकायत गोल्डन ऑवर की अहम भूमिका ई-जीरो एफआईआर के फायदे बीएनएसएस से मंजूरी… 1 जुलाई 2024 से लागू भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 173 के तहत जीरो एफआईआर को मान्यता दी गई है। इसके तहत देश में कहीं से भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शिकायत कर सकते हैं।


