रतलाम. प्रदेश में 2017 के बाद से कॉलेजों में छात्र संघ के चुनाव नहीं हुए हैं। हमारा मानना है कि छात्र संघ चुनाव होना चाहिए जिससे छात्र राजनीति से मध्य प्रदेश को बड़ा नेतृत्व मिल सके। मध्य प्रदेश सरकार चुनाव करवाने से डर रही है। वह नहीं चाहती है कि छात्र राजनीति से कोई बड़ा चेहरा मध्य प्रदेश में निकलकर आए। यही नहीं मध्य प्रदेश सरकार को अंदेशा भी है कि छात्र संघ चुनाव से कॉलेजों में अराजकता और हिंसा हो सकती है।
यह बात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मालवा प्रांत मंत्री दर्शन कहार ने कही। वे अभाविप के आगामी 28 दिसंबर से रतलाम में होने वाले 58वें मालवा प्रांत अधिवेशन की तैयारी के सिलसिले में आए थे। उनसे छात्र संघ चुनाव के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उनका कहना था कि सरकार को हमने कई बार मौखिक और लिखित में भी दिया है कि कॉलेजों में छात्र संघ कराएं। कहार के अनुसार उनका मानना है कि यदि आवश्यकता हुई तो वे इसके लिए सडक़ पर उतरकर आंदोलन भी करेंगे। दूसरे प्रदेशों, केंद्र के विवि में छात्र संघ चुनाव हो रहे हैं तो प्रदेश में क्यों नहीं कराए जा सकते हैं। उन्होंने माना कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित कई नेता छात्र राजनीति से ही निकले और आज इस पद पर हैं। अभाविप को उनकी ही सरकार कहने पर उनका कहना था कि प्रदेश सरकार और अभाविप एक नहीं है। वह राजनीतिक संगठन और सरकार है और अभाविप छात्र संगठन है। वे अपना काम कर रहे हैं और हम अपना काम कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य युवाओं में देशभक्ति जगाना है।
सीएम डॉ. यादव आएंगे अधिवेशन में
कहार ने बताया कि अभाविप के 58वें मालवा प्रांत अधिवेशन की शुरुआत 28 दिसंबर को और 30 को समापन होगा। शुरुआत में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल होंगे। साथ ही कई अन्य पदाधिकारी भी आ रहे हैं। इसमें संघ के शताब्दी वर्ष, आपात काल, अभाविप की सालभर की गतिविधियों सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों को लेकर प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। पूरे अधिवेशन के दौरान 11 सत्र होंगे। 29 दिसंबर को छात्र शक्ति की शोभायात्रा अग्रणी कॉलेज से निकलेगी और धानमंडी में ओपन सभा होगी। पूरे अधिवेशन में साढ़े पांच सौ से ज्यादा प्रतिनिधियों सहित राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्रसिंह सोलंकी सहभागिता करेंगे। पत्रकार वार्ता में प्रवीण सोनी, राजमल जैन और अभाविप नगर मंत्री अरुण जाट भी मौजूद रहे। मालवा प्रांत के 22 जिलों से 550 से अधिक प्रतिनिधियों में शिक्षक, छात्र और शिक्षाविद शामिल होंगे।


