NDMA से गोरखपुर नगर निगम को मिलेंगे 220 करोड़:शहर में जलभराव को करेंगे खत्म; तालों से निकाली जाएगी गाद

NDMA से गोरखपुर नगर निगम को मिलेंगे 220 करोड़:शहर में जलभराव को करेंगे खत्म; तालों से निकाली जाएगी गाद

गोरखपुर शहर में होने वाले जलभराव को रोकने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण (NDMA) बजट मुहैया कराएगा। नगर निगम को लगभग 220 करोड़ रुपये देने की तैयारी है। इससे यहां के तालों की ड्रेजिंग कराकर गाद निकाली जाएगी। इसके साथ ही वेटलैंड भी सुरक्षित किए जाएंगे। जिससे बरसात के समय ज्यादा से ज्यादा पानी वहां संरक्षित हो सके।
शहरी बाढ़ प्रबंधन के क्षेत्र में नगर निगम के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सेल (यूएफएमसी) का चयन NDMA की एक विशेष योजना के अंतर्गत किया गया है। इस योजना के तहत NDMA द्वारा नगर निगम को कुल 220 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिसके लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। अलग-अलग कार्यों पर खर्च होगी धनराशि नगर निगम को मिलने वाली यह धनराशि क्रम से अलग-अलग कार्यों पर खर्च की जाएगी। सबसे पहले अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सेल को तकनीकी और संरचनात्मक रूप से मजबूत किया जाएगा। यूएफएमसी को अत्याधुनिक उपकरणों, साफ्टवेयर और प्रशिक्षित मानव संसाधन से लैस किया जाएगा, जिससे बाढ़ प्रबंधन से जुड़े कार्यों की निगरानी और क्रियान्वयन अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सके। अधिकारियों के अनुसार, इससे आपदा की स्थिति में त्वरित निर्णय लेने और राहत कार्यों को समय पर शुरू करने में मदद मिलेगी। बनाए जाएंगे वेदर स्टेशन
योजना के तहत शहर के विभिन्न स्थानों पर रेनफाल के अलावा और भी वेदर स्टेशन लगाए जाएंगे। इन स्टेशनों से बारिश और मौसम से जुड़ा रियल-टाइम डेटा प्राप्त होगा। इस डेटा के आधार पर जलभराव की पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित की जाएगी, जिससे संभावित बाढ़ या जलभराव की स्थिति से पहले ही प्रशासन और आम नागरिकों को सतर्क किया जा सकेगा। इससे जान-माल के नुकसान को कम करने में भी मदद मिलेगी। शहरी बाढ़ नियंत्रण के लिए जल निकासी तंत्र को भी सुदृढ़ किया जाएगा। जहां आवश्यकता होगी वहां नए नालों का निर्माण कराया जाएगा, जबकि पुराने और जर्जर नालों की रिमाडलिंग की जाएगी। नालों की चौड़ाई, गहराई और प्रवाह क्षमता बढ़ाकर बारिश के पानी की तेज और सुचारू निकासी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि शहर के प्रमुख इलाकों में जलभराव की समस्या न उत्पन्न हो। जानिए क्या कहते हैं अधिकारी अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने बताया कि तालों की ड्रेजिंग से उनमें वर्षों से जमी गाद को हटाया जाएगा। जिससे उनकी जलधारण क्षमता बढ़ जाएगी। इससे बारिश के दौरान अतिरिक्त पानी तालों में संग्रहित हो सकेगा और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव कम होगा। साथ ही वेटलैंड क्षेत्रों के संरक्षण से पर्यावरण संतुलन बनाए रखने, जैव विविधता को संरक्षण देने और भूजल स्तर सुधारने में भी सहायता मिलेगी।

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