Ahmedabad. शहर साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने डिजिटल अरेस्ट ठगी के एक और मामले को विफल करते हुए एक अन्य बुजुर्ग महिला के 27 लाख रुपए बचा लिए। इस महीने साइबर क्राइम ब्रांच को यह तीसरी सफलता मिली है।
साइबर क्राइम ब्रांच ने बताया कि 23 दिसंबर को साबरमती क्षेत्र की बैंक ऑफ बड़ौदा में आरटीजीएस चेक क्लियरेंस का काम करने वाले हर्षद परमार के ध्यान में आया कि एक बुजुर्ग महिला ने उसकी सभी फिक्स डिपॉजिट (एफडी) को विथड्रॉ कर लिया है। उससे मिले सभी पैसों को एक अज्ञात बैंक खाते में तत्काल जमा करने के लिए जल्दबाजी कर रही है। ऐसे में उसके डिजिटल अरेस्ट होने की आशंका हुई और उन्होंने बैंक मैनेजर दिलीप चौहान को जानकारी दी।
बैंक मैनेजर के समझाने पर भी नहीं मानी
साइबर क्राइम के तहत बैंक मैनेजर ने बुजुर्ग महिला से पूछताछ की कि वे पैसे किसे भेजना चाहती हैं, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में मैनेजर ने वृद्धा को ठगी के बारे में भी समझाया लेकिन वे नहीं मानीं और पैसे संबंधित अकाउंट में जमा कराने के लिए जल्दबाजी करती रहीं। यह राशि 27 लाख रुपए की थी। जिस अकाउंट में जमा कराना था वह शंकास्पद लग रहा था। वृद्धा डरी हुई लग रही थी और ऐसा लग रहा था कि कोई दबाव डाल रहा हो। ऐसे में बैंक के अधिकारी राज परमार ने साइबर क्राइम ब्रांच को इसकी सूचना दी। पीएसआइ ईश्वर पटेल, कांस्टेबल प्रवीण सोंदरवा की टीम बैंक पहुंची और उन्हें साइबर क्राइम ब्रांच लेकर आई। यहां एसीपी हार्दिक माकडिया ने बुजुर्ग महिला को समझाया कि यह साइबर ठग गिरोह का काम है। आखिरकार उन्हें यह समझ आया, जिससे उनके पैसे बच गए।
दिल्ली एटीएस के नाम से आया था फोन
बुजुर्ग महिला को 18 दिसंबर को दिल्ली एटीएस के नाम से फोन आया। उन्हें कहा गया कि तुम्हारे मोबाइल फोन से भारतीय सेना के 21 गोपनीय फोटो, 17 ऑफिसर के पहचान पत्र को सीमा पार पाकिस्तान भेजा गया है। इसमें आसिफ फौजी की गिरफ्तारी हुई है। तुम पाकिस्तानी बॉर्डर पर मनी लॉन्डरिंग करती हो। तुम्हारे आधार कार्ड का उपयोग कर 50 करोड़ ट्रांसफर किए गए हैं। उन्हें डरा धमकाकर डिजिटल अरेस्ट रखते हुए उनकी एफडी की जानकारी लेकर पूरी राशि को वैरिफिकेशन करने के नाम पर जमा कराने के लिए कहा था।
एनआइए चीफ बन दे रहा था धमकी
महिला को साइबर क्राइम ब्रांच लाया गया तब एनआइए चीफ बनकर वृद्धा को धमका रहे प्रदीप लाल का वीडियो कॉल आया। उसे एसीपी ने रिसीव किया। पहचान देने को कहा तो उसने फोन काट दिया तब वृद्धा के समझ में आया।


