नए साल में बैतूल को सिंचाई के क्षेत्र में मिलेगी बड़ी सौगात

नए साल में बैतूल को सिंचाई के क्षेत्र में मिलेगी बड़ी सौगात

बैतूल। बैतूल जिले के किसानों के लिए आने वाला वर्ष सिंचाई के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। जल संसाधन विभाग द्वारा निर्माणाधीन और पूर्ण हो चुकी मध्यम एवं लघु परियोजनाओं के माध्यम से जिले में सिंचाई सुविधा का दायरा तेजी से बढ़ाया जा रहा है। घोघरी और वर्धा मध्यम परियोजना के साथ-साथ सावन्याकोल, पाथाखेड़ा लघु जलाशय तथा तिरमऊ और कोंढरखापा बैराज से किसानों को भरपूर सिंचाई जल उपलब्ध कराया जाएगा। विभाग द्वारा वर्ष 2026-27 में इन परियोजनाओं को पूरी क्षमता के साथ शुरू करने की तैयारी की जा रही है। जल संसाधन विभाग के अनुसार, इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से न केवल हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी, बल्कि आसपास के गांवों का भूमिगत जलस्तर भी बढ़ेगा, जिससे पेयजल की समस्या में भी कमी आएगी।

  1. घोघरी मध्यम परियोजना
    घोघरी परियोजना में 39.01 मिलियन घनमीटर पानी का संग्रह किया जाएगा। इसमें से 4.26 मिलियन घनमीटर पानी पेयजल के लिए आरक्षित रहेगा। वर्ष 2025-26 में परीक्षण के तौर पर 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है, जबकि वर्ष 2026-27 में 11 हजार 987 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाएगी। परियोजना के पूर्ण होने पर 43 गांवों के किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
    2.वर्धा मध्यम परियोजना
    वर्धा परियोजना से 5 हजार 700 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाएगी। इस योजना से 13 गांवों के करीब 3 हजार 800 किसानों को निरंतर सिंचाई का लाभ मिल रहा है। इन सभी परियोजनाओं के पूरी क्षमता से शुरू होने के बाद बैतूल जिले में खेती को नई मजबूती मिलेगी, फसल उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
  2. सावन्याकोल लघु जलाशय
    इस योजना के तहत 0.75 मिलियन घनमीटर पानी रोका जाएगा। वर्ष 2025-26 में 150 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है। योजना से दो गांवों के किसानों को 150 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का लाभ मिल रहा है।
  3. पाथाखेड़ा लघु जलाशय
    इस परियोजना में 0.85 मिलियन घनमीटर पानी संग्रहित किया जाएगा। वर्ष 2025-26 में 100 हेक्टेयर और वर्ष 2026-27 में 225 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे तीन गांवों के किसानों को लाभ मिलेगा।
  4. तिरमऊ और कोंढरखापा बैराज
    तिरमऊ बैराज से 185 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा रही है, जिससे दो गांवों के 123 किसानों को निरंतर लाभ मिल रहा है। वहीं कोंढरखापा बैराज से 200 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे एक गांव के 133 किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
    इनका कहना
  • जिले में निर्माणाधीन मध्यम व लघु सिंचाई परियोजनाओं को वर्ष 2026-27 में पूरी क्षमता के साथ शुरू करने की तैयारी है। इन योजनाओं से हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी और किसानों की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। साथ ही परियोजनाओं से आसपास के क्षेत्रों में भूजल स्तर में भी सुधार होगा। विभाग का लक्ष्य है कि किसानों को समय पर और निरंतर सिंचाई जल उपलब्ध कराया जाए।
  • रोशन सिंह, ईई जल संसाधन विभाग बैतूल।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *