Ahmedabad. गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (जीएसइबी) की फरवरी महीने से शुरू होने जा रही 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा में दिव्यांग विद्यार्थियों को तीन घंटे के पेपर में एक घंटे का अतिरिक्त समय मिलेगा।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत दिव्यांगजनों को विशेष सुविधाएं देने का यह निर्णय 25 सितंबर 2017 को किया गया था। हालांकि इस परिपत्र का अमल शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से करने की घोषणा की गई है। इसके तहत कक्षा नौ से 12वीं के विद्यार्थियों को इसका लाभ दिया जाएगा।
जीएसईबी की ओर से की गई घोषणा के तहत दिव्यांग विद्यार्थियों को प्रश्न-पत्र हल करने के लिए हर एक घंटे पर 20 मिनट का कंपन्सेटरी समय (अतिरिक्त समय) दिया जाएगा। यदि दो घंटे का पेपर है तो 40 मिनट और तीन घंटे का पेपर है, तो दिव्यांग विद्यार्थियों को 60 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। यानि उसे पेपर हल करने के लिए तीन घंटे की जगह चार घंटे मिलेंगे। यह सुविधा सभी दिव्यांग विद्यार्थियों को दी जाएगी। चाहे वे राइटर या रीडर की मदद लें या ना लें।
प्रायोगिक परीक्षा के बदले एमसीक्यू आधारित पेपर
जीएसइबी ने अल्पदृष्टि वाले एवं नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए 12वीं विज्ञान संकाय की परीक्षा में प्रायोगिक विषय-रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान में प्रायोगिक कार्य (प्रेक्टिकल परीक्षा) की जगह उतने ही अंक का एमसीक्यू आधारित प्रश्न-पत्र का विकल्प देने की घोषणा की है। यह सुविधा 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी मिलेगी। प्रायोगिक परीक्षा की जगह एमसीक्यू आधारित पेपर देने का विकल्प पसंद करने के लिए परीक्षा शुरू होने से 15 दिन पहले 11वीं के विद्यार्थियों को स्कूल के प्राचार्य के समक्ष और 12वीं के विद्यार्थियों को जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष आवेदन करना होगा। ऐसा नहीं करने पर उन्हें राइटर या फिर सहायक की मदद से प्रायोगिक परीक्षा देनी होगी।
ग्राफ, नक्शा, आकृति वाले प्रश्न की जगह अन्य प्रश्न
अल्पदृष्टि, नेत्रहीन विद्यार्थी जिस पेपर में आकृति, नक्शा या ग्राफ बनाने हों ऐसे पेपर में इस प्रकार के प्रश्न की जगह अन्य वैकल्पिक प्रश्न का जवाब लिख सकेंगे। पेपर में इसका स्पष्ट से प्रावधान किया जाएगा।


