बैतूल/जामठी। जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 46 (इटारसी-बैतूल) एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 47 (इंदौर-बैतूल) पर हो रहे अतिक्रमण और अनधिकृत मीडियन ओपनिंग (डिवाइडर के बीच अनाधिकृत रूप से बनाया गया रास्ता)को लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सख्त रुख अपनाया है। एनएचएआई द्वारा कलेक्टर बैतूल को पत्र भेजकर अतिक्रमण हटाने एवं अवैध मीडियन ओपनिंग बंद कराने के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।
एनएचएआई ने पत्र में उल्लेख किया है कि निरीक्षण के दौरान पाया गया कि दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों के राइट ऑफ वे क्षेत्र में बड़ी संख्या में अस्थायी एवं स्थायी अतिक्रमण मौजूद हैं। इनमें दुकानों, ढाबों, निर्माण सामग्री के ढेर, सर्विस रोड पर खड़े वाहन तथा अवैध कट शामिल हैं। इससे सडक़ सुरक्षा प्रभावित हो रही है और दुर्घटनाओं की आशंका लगातार बनी हुई है।
प्राधिकरण के अनुसार, सडक़ सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अवैध मीडियन ओपनिंग को बंद किया जाना आवश्यक है। इसके लिए पूर्व में भी जिला प्रशासन एवं राजमार्ग प्राधिकरण के बीच समन्वय किया गया था। पत्र में यह भी बताया गया कि उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों एवं राष्ट्रीय राजमार्ग (भूमि एवं यातायात) नियंत्रण अधिनियम 2002 की धाराओं 24, 26, 27 एवं 31(2) के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अनिवार्य है। एनएचएआई ने स्पष्ट किया है कि बिना अनुमति किए गए अतिक्रमण एवं अवैध कट न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि ये गंभीर सडक़ हादसों का कारण भी बनते हैं। ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई का प्रावधान है। पत्र में स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग से सहयोग लेकर प्रभावी रूप से अतिक्रमण हटाने तथा यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने का आग्रह किया गया है।
प्राधिकरण का कहना है कि यदि समय रहते अतिक्रमण नहीं हटाए गए तो भविष्य में दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ सकती है। इसलिए जनहित और सडक़ उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कार्रवाई जरूरी है।
इनका कहना
- राष्ट्रीय राजमार्गों पर अतिक्रमण और अवैध मीडियन ओपनिंग सडक़ सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। जिला प्रशासन के सहयोग से इन्हें हटाकर सुरक्षित और सुगम यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्गों से अतिक्रमण हटाने के लिए हमनें कलेक्टर को भी पत्र लिखा है।
- मनीष कुमार मीना, परियोजना निदेशक एनएचएआई।


