Year Ender 2025: शेयर बाजार में उठापटक के बीच 2025 में जमकर आइपीओ लॉन्च हुए, यही ट्रेंड नए साल में भी जारी रहने की उम्मीद है। मेनबोर्ड पर इस साल अब तक 103 आइपीओ लिस्ट हुए, जिनमें से 70 कंपनियों ने लिस्टिंग के दिन फायदा दिया और 32 कंपनियां डिस्काउंट पर लिस्ट हुई। हालांकि, इस साल लॉन्च आइपीओ में से करीब 52% अपने इश्यू प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैं। वहीं एसएमई सेगमेंट में 257 आइपीओ आए, जिनमें से 129 अपने इश्यू प्राइस से भी नीचे है। आइपीओ के प्रति निवेशकों के रुझान में भी बदलाव आया है। इस साल अधिकतर बड़े आइपीओ ने निवेशकों को मुनाफा दिया और छोटे आइपीओ ने नुकसान कराया।
अगले साल आ सकता है जियो का आईपीओ
2026 में रिलायंस जियो का आइपीओ आने की उम्मीद है, जो देश का अब तक का सबसे बड़ा आइपीओ हो सकता है। साथ ही एसबीआइ म्युचुअल फंड, फ्लिपकार्ट, फोनपे और एनएसई का बड़ा आइपीओ आने की उम्मीद है। नए साल में ओयो, हीरो फिनकॉर्प, फ्रैक्टल एनालिटिक्स व क्लीनमैक्स एन्वायरो जैसे 175 से अधिक आइपीओ लॉन्च हो सकते हैं। इनमें से 75 को तो सेबी से मंजूरी भी मिल चुकी है और 100 कंपनियों ने अपने आवेदन सेबी को सौंपे हैं। यह संख्या और भी बढ़ने की उम्मीद हैं, क्योंकि जेप्टो और जियो जैसी दर्जनों कंपनियां 2026 में आइपीओ लाने के आवेदन की तैयारी कर रही हैं।

2025 में क्या मिला सबक?
- हर आइपीओ के पीछे भागना अच्छी रणनीति नहीं है। लगभग 103 मेनबोर्ड आइपीओ में से 60% ने निगेटिव या सीमित रिटर्न दिया। इसलिए केवल नाम या उत्साह पर निवेश नहीं करना चाहिए।
- ग्रे मार्केट प्रीमियम और ओवरसब्सक्रिप्शन हमेशा सही संकेत नहीं देते कि कोई आईपीओ मुनाफा कराएगा या घाटा।
बनेगी 2026 के लिए सीख
- आईपीओ चुनते समय मूल्यांकन अनुशासन अपनाएं। सोशल मीडिया हाइप के चक्कर में नहीं पड़ें। अपने पोर्टफोलियो में आइपीओ को 5-10% तक सीमित रखें।
- कंपनी का बिजनेस मॉडल, मूल्यांकन समझना जरूरी। उन कंपनियों को चुनें जिनके पास स्पष्ट वृद्धि योजना और मजबूत वित्तीय स्थिति हो।


