Preventive Health Checkup: बीमारी का इंतजार मत कीजिए! 2026 से पहले ये टेस्ट नहीं कराए तो पछताएंगे

Preventive Health Checkup: बीमारी का इंतजार मत कीजिए! 2026 से पहले ये टेस्ट नहीं कराए तो पछताएंगे

Preventive health checkup: आज के समय में प्रिवेंटिव हेल्थकेयर कोई ऑप्शन नहीं रहा, बल्कि अपनी सेहत में किया गया सबसे समझदारी भरा निवेश बन चुका है। साल 2026 नजदीक आ रहा है और यह साफ है कि अगर हम समय रहते जांचें करवा लें, तो कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। सिर्फ लाइफस्टाइल बदलना ही काफी नहीं, बल्कि समय-समय पर टेस्ट कराना भी उतना ही जरूरी है, ताकि बिना लक्षण वाली बीमारियां समय रहते पकड़ में आ जाएं।

CBC (Complete Blood Count)

CBC एक बेसिक लेकिन बहुत जरूरी जांच है। इससे खून की कमी (एनीमिया), इन्फेक्शन, सूजन और कई छुपी हुई कमियां सामने आ जाती हैं। हर वयस्क को साल में कम से कम एक बार CBC ज़रूर करवानी चाहिए।

HbA1c – डायबिटीज का शुरुआती संकेत

भारत पहले ही दुनिया की डायबिटीज कैपिटल बन चुका है। HbA1c टेस्ट शरीर के पिछले तीन महीने के औसत ब्लड शुगर को दिखाता है। इससे प्री-डायबिटीज का पता जल्दी चल जाता है, जिसे सही खानपान और एक्सरसाइज से कंट्रोल किया जा सकता है।

लिपिड प्रोफाइल

आजकल गलत लाइफस्टाइल, तनाव और नींद की कमी की वजह से कोलेस्ट्रॉल की समस्या युवाओं में भी दिखने लगी है। लिपिड प्रोफाइल से LDL, HDL और ट्राइग्लिसराइड्स का पता चलता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क कम किया जा सकता है।

थायरॉइड टेस्ट (T3, T4, TSH)

थायरॉइड से जुड़ी समस्याएं, खासकर महिलाओं में, बहुत आम हो गई हैं। समय पर जांच से वजन बढ़ना, थकान और हार्मोन से जुड़ी दिक्कतों को कंट्रोल किया जा सकता है।

विटामिन D और B12

भारत में ज्यादातर लोग विटामिन D और B12 की कमी से जूझ रहे हैं। इससे थकान, हड्डियों में दर्द, मूड स्विंग और इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है।

कैंसर स्क्रीनिंग

आजकल कैंसर कम उम्र में भी दिखने लगा है। महिलाओं के लिए पैप स्मीयर और HPV टेस्ट, 40 की उम्र के बाद मैमोग्राफी, और पुरुषों के लिए 45 के बाद PSA टेस्ट बेहद जरूरी हैं।

किडनी और लिवर टेस्ट

गलत खानपान और शराब की वजह से फैटी लिवर और किडनी की समस्या बढ़ रही है। सालाना LFT और KFT से अंगों की सेहत का पता चलता है।

दिल, बीपी और बाकी जांचें

ECG, इको, BP चेक और जरूरत पड़ने पर CT कोरोनरी एंजियोग्राफी से दिल की बीमारी का खतरा पहले ही पकड़ में आ जाता है। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड और चेस्ट एक्स-रे से पेट और फेफड़ों से जुड़ी दिक्कतें जल्दी सामने आती हैं।

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