बक्सर के सेंट मेरी चर्च में बुधवार को प्रभु यीशु मसीह का जन्मोत्सव क्रिसमस पर्व के रूप में मनाया गया। आधी रात को चरनी में प्रभु यीशु के जन्म की घोषणा होते ही चर्च परिसर में विशेष उत्साह देखा गया। इस दौरान चर्च की घंटियां बजीं, कैरोल गीत गाए गए और श्रद्धालुओं ने मोमबत्तियां जलाकर प्रभु का स्वागत किया। क्रिसमस से पहले सेंट मेरी चर्च में पल्ली पुरोहित फादर अनिल क्रूस के नेतृत्व में एक विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। इस प्रार्थना में प्रभु यीशु के प्रेम, शांति और मानवता के संदेश को आत्मसात करने का आह्वान किया गया। जन्मोत्सव के अवसर पर श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद के रूप में केक का वितरण भी किया गया। एक सप्ताह से चल रही थी तैयारियां इस पर्व के लिए ईसाई समाज में पिछले एक सप्ताह से तैयारियां चल रही थीं। चर्च परिसर और घरों को सजाया गया था। क्रिसमस से पूर्व चर्च परिसर की व्यापक साफ-सफाई की गई। चर्च को इलेक्ट्रिक झालरों, रंग-बिरंगी झंडियों और रोशनी से सजाया गया था। परिसर में एक चरनी (गौशाला) भी तैयार की गई थी, जिसमें प्रभु यीशु के जन्म की झांकी प्रस्तुत की गई। मेरी स्कूल के सामने मेले का आयोजन सेंट मेरी स्कूल के सामने एक क्रिसमस मेले का भी आयोजन किया गया। इस मेले में बच्चों और युवाओं के लिए खिलौने, चाट, चाउमिन, बर्गर जैसे खाद्य पदार्थों के स्टॉल लगाए गए थे। विभिन्न प्रकार के झूले और मनोरंजन के अन्य साधन भी उपलब्ध थे। इस अवसर पर फादर आनंद ने बताया कि प्रभु यीशु के जन्म का मिल्सा बलिदान बक्सर महागिरजाघर के प्रभारी पुरोहित फादर अनिल क्रूस द्वारा संपन्न कराया गया। इस विधि में बालक यीशु की मूर्ति और चरनी को आशीष दी गई, साथ ही लोबान का धूप भी चढ़ाया गया। बक्सर के सेंट मेरी चर्च में बुधवार को प्रभु यीशु मसीह का जन्मोत्सव क्रिसमस पर्व के रूप में मनाया गया। आधी रात को चरनी में प्रभु यीशु के जन्म की घोषणा होते ही चर्च परिसर में विशेष उत्साह देखा गया। इस दौरान चर्च की घंटियां बजीं, कैरोल गीत गाए गए और श्रद्धालुओं ने मोमबत्तियां जलाकर प्रभु का स्वागत किया। क्रिसमस से पहले सेंट मेरी चर्च में पल्ली पुरोहित फादर अनिल क्रूस के नेतृत्व में एक विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। इस प्रार्थना में प्रभु यीशु के प्रेम, शांति और मानवता के संदेश को आत्मसात करने का आह्वान किया गया। जन्मोत्सव के अवसर पर श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद के रूप में केक का वितरण भी किया गया। एक सप्ताह से चल रही थी तैयारियां इस पर्व के लिए ईसाई समाज में पिछले एक सप्ताह से तैयारियां चल रही थीं। चर्च परिसर और घरों को सजाया गया था। क्रिसमस से पूर्व चर्च परिसर की व्यापक साफ-सफाई की गई। चर्च को इलेक्ट्रिक झालरों, रंग-बिरंगी झंडियों और रोशनी से सजाया गया था। परिसर में एक चरनी (गौशाला) भी तैयार की गई थी, जिसमें प्रभु यीशु के जन्म की झांकी प्रस्तुत की गई। मेरी स्कूल के सामने मेले का आयोजन सेंट मेरी स्कूल के सामने एक क्रिसमस मेले का भी आयोजन किया गया। इस मेले में बच्चों और युवाओं के लिए खिलौने, चाट, चाउमिन, बर्गर जैसे खाद्य पदार्थों के स्टॉल लगाए गए थे। विभिन्न प्रकार के झूले और मनोरंजन के अन्य साधन भी उपलब्ध थे। इस अवसर पर फादर आनंद ने बताया कि प्रभु यीशु के जन्म का मिल्सा बलिदान बक्सर महागिरजाघर के प्रभारी पुरोहित फादर अनिल क्रूस द्वारा संपन्न कराया गया। इस विधि में बालक यीशु की मूर्ति और चरनी को आशीष दी गई, साथ ही लोबान का धूप भी चढ़ाया गया।


