जयपुर: मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास दो दिन बाद ही बुधवार को विद्युत भवन पहुंचे और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े काम का फिर होमवर्क चेक किया। उन्होंने इस बार शुरुआत ही विद्युत उत्पादन निगम से की। निगम के सीएमडी देवेंद्र शृंगी ने प्रोजेक्ट के आधार पर प्रजेंटेशन देना शुरू किया।
इस बीच सीएस वी. श्रीनिवास बोले, प्रजेंटेशन में कुछ सुधार हुआ है। लेकिन अभी और काम करने की गुंजाइश है, जिस तरह एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन) काम करती है, उसी तरह आप भी करो तो परिणाम बेहतर आएंगे। इस पर सीएमडी ने कहा कि एनटीपीसी की वित्तीय स्थिति अच्छी है। यहां राज्य सरकार से मिलने वाली इक्विटी भी समय पर नहीं मिल पा रही है।
फिर सीएस ने यह कहते हुए चर्चा को विराम दिया कि इस मामले को देखता हूं। मुख्य सचिव ने रविवार को मीटिंग में उत्पादन निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ता जा रहा है, लेकिन उतनी क्षमता की ट्रांसमिशन लाइन नहीं है, जिससे उस बिजली को दूसरे राज्यों में आसानी से ले जा सकें।
…तो जोधपुर डिस्कॉम को निजी हाथों में देना पड़ेगा
जोधपुर विद्युत वितरण निगम की स्थिति देख सीएस वी. श्रीनिवास चिंता में नजर आए। वहां बढ़ता घाटा और विद्युत लॉस के आंकड़े भी देखे। बिजली चोरी पकड़ने में भी डिस्कॉम पीछे रहा।
इस पर सीएस ने कहा कि यहां स्थिति में सुधार होता नजर नहीं आ रहा। लगता है इस डिस्कॉम को प्राइवेट हाथों में देना पड़ेगा। इस दौरान जोधपुर डिस्कॉम के तकनीकी निदेशक विजय छंगानी मौजूद रहे। प्रजेंटेशन डिस्कॉम्स सीएमडी आरती डोगरा ने दिया।


