Aravali Hills को लेकर क्या है विवाद? ये है भारत का सबसे पुराना पर्वत

Aravali Hills को लेकर क्या है विवाद? ये है भारत का सबसे पुराना पर्वत

Aravali Hills को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। देशभर, खासकर राजस्थान में अरावली पहाड़ियों को लेकर जमकर विरोध-प्रदर्शन किये जा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये मुद्दा क्या है, या इसको लेकर इतना विवाद क्यों हो रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने अरावली पहाड़ियों की परिभाषा और उनसे जुड़े 100 मीटर के मानक को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। यह याचिका हरियाणा के सेवानिवृत्त वन अधिकारी आरपी बलवान द्वारा दायर की गई है। अदालत ने केंद्र सरकार, हरियाणा और राजस्थान सरकारों के साथ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) से जवाब तलब किया है।

Aravali Hills विवाद क्या है?

यह मामला सुप्रीम कोर्ट के चर्चित टीएन गोदावरमन थिरुमुलपाद बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस से जुड़ा हुआ है, जिसमें वर्ष 1996 में ‘वन’ की डिटेल व्याख्या की गई थी। नवंबर 2025 में अदालत ने पर्यावरण मंत्रालय की एक समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए अरावली पहाड़ियों की एक समान परिभाषा तय की थी। इस परिभाषा के अनुसार, स्थानीय आधार स्तर से 100 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाली पहाड़ियों को ही अरावली माना जाएगा। इसके साथ ही उनकी ढलान और आसपास की भूमि भी उसी श्रेणी में आएगी। याचिकाकर्ता का तर्क है कि इस नियम के लागू होने से 100 मीटर से कम ऊंची पहाड़ियां कानूनी संरक्षण से बाहर हो जाएंगी, जिससे उनका तेजी से दोहन हो सकता है। अरावली पर्वतमाला गुजरात से लेकर दिल्ली तक फैली हुई है और यह थार रेगिस्तान के फैलाव को रोकने में अहम भूमिका निभाती है। यदि 100 मीटर का मानक लागू होता है, तो अरावली का बड़ा हिस्सा संरक्षण के दायरे से बाहर हो जाएगा।

भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला कौन सी है?

अरावली पर्वत विवाद के बाद अब यह जानकारी भी सर्च की जा रही है कि देश में सबसे पुराना पर्वत कौन सा है? अगर आपको जवाब नहीं पता है तो आपको बता दें कि अरावली पर्वतमाला भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला है। साथ ही सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखलाओं में गिनी जाती है।

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