गोपालगंज के सुप्रसिद्ध सिद्धपीठ थावे भवानी मंदिर में हुई चोरी के मामले ने अब अंतरराष्ट्रीय मोड़ ले लिया है। जांच एजेंसियों को इस घटना में थाईलैंड कनेक्शन के पुख्ता संकेत मिले हैं, जिसके बाद से जांच एजेंसियां और खुफिया विभाग पूरी तरह सतर्क हो गए हैं। जांच में सामने आया है कि चोरी का मुख्य आरोपी दीपक राय दिसंबर की शुरुआत से ही थाईलैंड के कुछ युवकों के साथ लगातार संपर्क में था। उसके मोबाइल की जांच में पुलिस को बातचीत के पुख्ता सबूत मिले हैं। पुलिस टीम इस बात की पड़ताल कर रही है कि दीपक राय थाईलैंड में किन लोगों के संपर्क में था और उनके बीच क्या बातचीत हुई थी। पुलिस के साथ जांच में जुटी STF यह भी जांच की जा रही है कि क्या बातचीत चोरी किए गए मुकुट, हार और छतरी सहित अन्य सामानों को ठिकाने लगाने से संबंधित थी या कोई और मामला था। इस खुलासे के बाद पुलिस के साथ एसटीएफ (विशेष कार्य बल) की टीम भी जांच में जुट गई है। तकनीकी सर्विलांस और कॉल डिटेल्स से पता चला है कि चोरी की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में विदेशी संपर्कों का इस्तेमाल किया गया था। एजेंसियां गंभीरता से इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या मंदिर के बेशकीमती गहनों और दान की राशि को विदेश भेजने की कोई योजना थी, या इस गिरोह को सीमा पार से कोई निर्देश मिल रहे थे। हालांकि, इस मामले में एसपी अवधेश दीक्षित ने खुलकर कुछ भी बताने से परहेज किया है। 2 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी मामले की तह तक पहुंचने के लिए की गई छापेमारी में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। थावे मंदिर में हुई इस चोरी ने सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। बिहार पुलिस की विशेष टीम इस विदेशी लिंक को लेकर अलर्ट पर है। यह आशंका जताई जा रही है कि यह सिर्फ एक साधारण चोरी नहीं, बल्कि किसी बड़े सिंडिकेट का हिस्सा हो सकती है जो धार्मिक स्थलों को निशाना बना रहा है। संदिग्ध नंबरों को ट्रेस कर रही पुलिस पुलिस अब थाईलैंड के उन संदिग्ध नंबरों को ट्रेस कर रही है जिनसे बातचीत की गई थी। फिलहाल पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम यूपी के प्रयागराज सहित अन्य स्थानों पर छापेमारी कर रही है। पूछताछ के दौरान चोरी गए जेवरों की बरामदगी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। थावे मंदिर में हुई चोरी के मामले में दीपक राय कभी बास्केटबॉल का होनहार खिलाड़ी था। जिला स्तर पर खेल चुका है। खेल के मैदान से अपराध की दुनिया तक का उसका सफर समाज के लिए भी एक चेतावनी बनकर उभरा है। थावे मंदिर में जिस अंदाज में उसने चोरी की घटना को अंजाम दिया, उससे स्पष्ट हो रहा था कि चोरी करने वाला उंचाई पर चढ़ने की कला से पूरी तरफ चढ़ने व उतरने में माहिर था। शीतला माता मंदिर में भी किया था चोरी बताया जाता है कि बास्केटबॉल खेलने के दौरान ही दीपक की पहचान कुछ असामाजिक तत्वों से हुई। धीरे-धीरे वह गलत संगत में फंसता चला गया और आसान पैसे के लालच में चोरी जैसे अपराधों की ओर बढ़ गया। पुलिस के अनुसार दीपक का आपराधिक इतिहास नया नहीं है। इससे पहले 3 मार्च 2025 को उसने उत्तर प्रदेश के मऊ जिले स्थित शीतला माता मंदिर में चोरी की थी। 13 नवंबर 2025 को जेल से रिहा होने के बाद दीपक ने अपराध की दुनिया को पूरी तरह छोड़ने के बजाय और अधिक शातिर तरीके अपनाने शुरू कर दिए। उसने , गूगल पर थावे मंदिर के मुकुट, स्ट्रक्चर इनडोर आउटडोर सर्च किया था। पांच दिन पहले गूगल पर कर रहा था सर्च आनॅलाइन जानकारियों का सहारा लेकर मंदिरों की रेकी शुरू की और अंततः थावे मंदिर को निशाना बना डाला। वहीं थावे दुर्गा मंदिर में चोरी की वारदात को अंजाम देने के मामले में गिरफ्तार किए गए दीपक राय के बारे में जब पुलिस की टीम उसके मोबाइल से डिजिटल साक्ष्य जुटना शुरू की तो पता चला कि थावे दुर्गा मंदिर के बारे में मंदिर के रेकी करने के पांच दिन पूर्व से ही गूगल पर सर्च कर रहा था। मंदिर के बारे में तमाम तरह की जानकारी को जुटाने के बाद वह वारदात को अंजाम देने से पहले 11 दिसंबर की रात थावे दुर्गा मंदिर के समीप पहुंचा था। जहां रेकी करने के बाद कैसे चोरी की घटना को अंजाम देना है और वापस कैसे जाना है। आरोपी के बारे में जुटाई जा रही जानकारी इसके बारे में पूरी जानकारी जुटा कर फिर वापस अपने गांव लौट गया। इसके बाद 17 दिसंबर की रात अपने एक साथी के साथ दुर्गा मंदिर परिसर में घुसकर चोरी की वारदात को अंजाम देकर फरार हो गया। इस चोरी के मामले में एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि गिरफ्तार दीपक राय के बारे में अन्य जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही चोरी हुई मुकुट और जेवर की बरामदगी को लेकर लगातार विभिन्न जगहों पर छापामारी की जा रही ही। साथ हीं उन्होंने बताया कि दीपक थाईलैंड के कुछ लोगों के संपर्क में रहा है। उसकी भी जांच की जा रही है। हालांकि उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय गिरोह की संलिप्तता से इनकार किया है। पिछले 17 दिसम्बर की देर रात मंदिर के गर्भगृह से अज्ञात चोरों ने मां के स्वर्ण मुकुट और अन्य गहनों चोरी कर ली थी जिसके बाद पुलिस ने एक सप्ताह के अंदर मास्टर माइंड दीपक राय को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। गोपालगंज के सुप्रसिद्ध सिद्धपीठ थावे भवानी मंदिर में हुई चोरी के मामले ने अब अंतरराष्ट्रीय मोड़ ले लिया है। जांच एजेंसियों को इस घटना में थाईलैंड कनेक्शन के पुख्ता संकेत मिले हैं, जिसके बाद से जांच एजेंसियां और खुफिया विभाग पूरी तरह सतर्क हो गए हैं। जांच में सामने आया है कि चोरी का मुख्य आरोपी दीपक राय दिसंबर की शुरुआत से ही थाईलैंड के कुछ युवकों के साथ लगातार संपर्क में था। उसके मोबाइल की जांच में पुलिस को बातचीत के पुख्ता सबूत मिले हैं। पुलिस टीम इस बात की पड़ताल कर रही है कि दीपक राय थाईलैंड में किन लोगों के संपर्क में था और उनके बीच क्या बातचीत हुई थी। पुलिस के साथ जांच में जुटी STF यह भी जांच की जा रही है कि क्या बातचीत चोरी किए गए मुकुट, हार और छतरी सहित अन्य सामानों को ठिकाने लगाने से संबंधित थी या कोई और मामला था। इस खुलासे के बाद पुलिस के साथ एसटीएफ (विशेष कार्य बल) की टीम भी जांच में जुट गई है। तकनीकी सर्विलांस और कॉल डिटेल्स से पता चला है कि चोरी की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में विदेशी संपर्कों का इस्तेमाल किया गया था। एजेंसियां गंभीरता से इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या मंदिर के बेशकीमती गहनों और दान की राशि को विदेश भेजने की कोई योजना थी, या इस गिरोह को सीमा पार से कोई निर्देश मिल रहे थे। हालांकि, इस मामले में एसपी अवधेश दीक्षित ने खुलकर कुछ भी बताने से परहेज किया है। 2 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी मामले की तह तक पहुंचने के लिए की गई छापेमारी में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। थावे मंदिर में हुई इस चोरी ने सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। बिहार पुलिस की विशेष टीम इस विदेशी लिंक को लेकर अलर्ट पर है। यह आशंका जताई जा रही है कि यह सिर्फ एक साधारण चोरी नहीं, बल्कि किसी बड़े सिंडिकेट का हिस्सा हो सकती है जो धार्मिक स्थलों को निशाना बना रहा है। संदिग्ध नंबरों को ट्रेस कर रही पुलिस पुलिस अब थाईलैंड के उन संदिग्ध नंबरों को ट्रेस कर रही है जिनसे बातचीत की गई थी। फिलहाल पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम यूपी के प्रयागराज सहित अन्य स्थानों पर छापेमारी कर रही है। पूछताछ के दौरान चोरी गए जेवरों की बरामदगी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। थावे मंदिर में हुई चोरी के मामले में दीपक राय कभी बास्केटबॉल का होनहार खिलाड़ी था। जिला स्तर पर खेल चुका है। खेल के मैदान से अपराध की दुनिया तक का उसका सफर समाज के लिए भी एक चेतावनी बनकर उभरा है। थावे मंदिर में जिस अंदाज में उसने चोरी की घटना को अंजाम दिया, उससे स्पष्ट हो रहा था कि चोरी करने वाला उंचाई पर चढ़ने की कला से पूरी तरफ चढ़ने व उतरने में माहिर था। शीतला माता मंदिर में भी किया था चोरी बताया जाता है कि बास्केटबॉल खेलने के दौरान ही दीपक की पहचान कुछ असामाजिक तत्वों से हुई। धीरे-धीरे वह गलत संगत में फंसता चला गया और आसान पैसे के लालच में चोरी जैसे अपराधों की ओर बढ़ गया। पुलिस के अनुसार दीपक का आपराधिक इतिहास नया नहीं है। इससे पहले 3 मार्च 2025 को उसने उत्तर प्रदेश के मऊ जिले स्थित शीतला माता मंदिर में चोरी की थी। 13 नवंबर 2025 को जेल से रिहा होने के बाद दीपक ने अपराध की दुनिया को पूरी तरह छोड़ने के बजाय और अधिक शातिर तरीके अपनाने शुरू कर दिए। उसने , गूगल पर थावे मंदिर के मुकुट, स्ट्रक्चर इनडोर आउटडोर सर्च किया था। पांच दिन पहले गूगल पर कर रहा था सर्च आनॅलाइन जानकारियों का सहारा लेकर मंदिरों की रेकी शुरू की और अंततः थावे मंदिर को निशाना बना डाला। वहीं थावे दुर्गा मंदिर में चोरी की वारदात को अंजाम देने के मामले में गिरफ्तार किए गए दीपक राय के बारे में जब पुलिस की टीम उसके मोबाइल से डिजिटल साक्ष्य जुटना शुरू की तो पता चला कि थावे दुर्गा मंदिर के बारे में मंदिर के रेकी करने के पांच दिन पूर्व से ही गूगल पर सर्च कर रहा था। मंदिर के बारे में तमाम तरह की जानकारी को जुटाने के बाद वह वारदात को अंजाम देने से पहले 11 दिसंबर की रात थावे दुर्गा मंदिर के समीप पहुंचा था। जहां रेकी करने के बाद कैसे चोरी की घटना को अंजाम देना है और वापस कैसे जाना है। आरोपी के बारे में जुटाई जा रही जानकारी इसके बारे में पूरी जानकारी जुटा कर फिर वापस अपने गांव लौट गया। इसके बाद 17 दिसंबर की रात अपने एक साथी के साथ दुर्गा मंदिर परिसर में घुसकर चोरी की वारदात को अंजाम देकर फरार हो गया। इस चोरी के मामले में एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि गिरफ्तार दीपक राय के बारे में अन्य जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही चोरी हुई मुकुट और जेवर की बरामदगी को लेकर लगातार विभिन्न जगहों पर छापामारी की जा रही ही। साथ हीं उन्होंने बताया कि दीपक थाईलैंड के कुछ लोगों के संपर्क में रहा है। उसकी भी जांच की जा रही है। हालांकि उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय गिरोह की संलिप्तता से इनकार किया है। पिछले 17 दिसम्बर की देर रात मंदिर के गर्भगृह से अज्ञात चोरों ने मां के स्वर्ण मुकुट और अन्य गहनों चोरी कर ली थी जिसके बाद पुलिस ने एक सप्ताह के अंदर मास्टर माइंड दीपक राय को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।


