शिक्षक संघ का 20वां स्थापना दिवस आयोजित:शिक्षकों ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन तेज करने का लिया संकल्प

शिक्षक संघ का 20वां स्थापना दिवस आयोजित:शिक्षकों ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन तेज करने का लिया संकल्प

शेखपुरा में बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ ने बुधवार को अपना 20वां संघर्ष सह स्थापना दिवस ‘संकल्प दिवस’ के रूप में मनाया। जिला मुख्यालय स्थित एक निजी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षकों ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन को और तेज करने का संकल्प लिया। संघ के जिलाध्यक्ष राजेंद्र यादव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि जिला महासचिव आमोद प्रियदर्शी ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। अपने अध्यक्षीय संबोधन में राजेंद्र यादव ने संघ के 20 वर्षों के संघर्ष को याद किया और कहा कि शिक्षकों ने अपने हक को हासिल करने के लिए पुलिस की लाठियां भी खाई हैं। उन्होंने शिक्षकों की वर्तमान स्थिति को संघ के संघर्ष और बलिदान का परिणाम बताया। 20 साल पहले शिक्षामित्र के रूप में हुए थे नियुक्त संघ के प्रधान सचिव आमोद प्रियदर्शी ने कहा कि दो दशक पहले शिक्षामित्र के रूप में नियुक्त हुए शिक्षकों के राज्यकर्मी बनने तक के सफर में संघ की अहम भूमिका रही है। उन्होंने जोर दिया कि नियोजित शिक्षकों को संघ के संघर्ष के बिना कुछ भी हासिल नहीं हुआ। प्रियदर्शी ने संघर्ष दिवस पर सरकार को अपनी शक्ति का एहसास कराने का आह्वान किया। उपस्थित सभी शिक्षकों ने अपने हक और अधिकारों के लिए आंदोलन को और धारदार बनाने का संकल्प दोहराया। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष ललन कुमार, जिला सचिव मुकेश प्रसाद सिंह, जिला मीडिया प्रभारी संजय कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष वीणा कुमारी, मुख्य प्रवक्ता भवेश भारती, उपाध्यक्ष अमित कुमार और रमेश कुमार सहित कई अन्य पदाधिकारियों और शिक्षकों ने भी अपने विचार रखे। शेखपुरा में बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ ने बुधवार को अपना 20वां संघर्ष सह स्थापना दिवस ‘संकल्प दिवस’ के रूप में मनाया। जिला मुख्यालय स्थित एक निजी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षकों ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन को और तेज करने का संकल्प लिया। संघ के जिलाध्यक्ष राजेंद्र यादव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि जिला महासचिव आमोद प्रियदर्शी ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। अपने अध्यक्षीय संबोधन में राजेंद्र यादव ने संघ के 20 वर्षों के संघर्ष को याद किया और कहा कि शिक्षकों ने अपने हक को हासिल करने के लिए पुलिस की लाठियां भी खाई हैं। उन्होंने शिक्षकों की वर्तमान स्थिति को संघ के संघर्ष और बलिदान का परिणाम बताया। 20 साल पहले शिक्षामित्र के रूप में हुए थे नियुक्त संघ के प्रधान सचिव आमोद प्रियदर्शी ने कहा कि दो दशक पहले शिक्षामित्र के रूप में नियुक्त हुए शिक्षकों के राज्यकर्मी बनने तक के सफर में संघ की अहम भूमिका रही है। उन्होंने जोर दिया कि नियोजित शिक्षकों को संघ के संघर्ष के बिना कुछ भी हासिल नहीं हुआ। प्रियदर्शी ने संघर्ष दिवस पर सरकार को अपनी शक्ति का एहसास कराने का आह्वान किया। उपस्थित सभी शिक्षकों ने अपने हक और अधिकारों के लिए आंदोलन को और धारदार बनाने का संकल्प दोहराया। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष ललन कुमार, जिला सचिव मुकेश प्रसाद सिंह, जिला मीडिया प्रभारी संजय कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष वीणा कुमारी, मुख्य प्रवक्ता भवेश भारती, उपाध्यक्ष अमित कुमार और रमेश कुमार सहित कई अन्य पदाधिकारियों और शिक्षकों ने भी अपने विचार रखे।  

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