Bangladesh Politics: बांग्लादेश में हिंसा की स्थिति जारी है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेता तारिक रहमान बुधवार को 17 साल का निर्वासन खत्म कर वतन वापस लौटे। देश में 2 महीने बाद आम चुनाव होना है। शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग पर प्रतिबंध होने के बाद काडर के लिहाज से BNP को माइलेज हासिल है। वहीं, छात्रों की पार्टी NCP और जमात ए इस्लामी भी चुनावी मैदान में हैं। तारिक के सामने चुनाव जीतने के बाद देश को स्थिर रखने की बड़ी चुनौती है। वह देश के अगले संभावित पीएम के तौर पर देखे जा रहे हैं।
ढाका में हुआ बम धमाका
जिस रोज तारिक वतन लौटे राजधानी ढाका में बड़ा बम धमाका हुआ। ढाका के मोगबाजार स्वतंत्रता सेनानी स्मारक के सामने फ्लाईओवर बम धमाके में सियाम नाम के एक युवक की मौत हो गई। मृतक एक कारखाने में काम करता था। मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि बम फ्लाईओवर के ऊपर से नीचे की तरफ फेंका गया था। इसके बाद हमलावर फरार हो गए। ढाका महानगर पुलिस के अधिकारी मसूद आलम ने कहा कि बम विस्फोट की वजह अभी तक साफ नहीं हो सकी है और मामले की जांच की जा रही है।
कौन हैं तारिक रहमान?
तारिक रहमान बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान और पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे हैं। रहमान की वापसी ऐसे समय में हो रही है, जब उनकी मां, BNP की सुप्रीमो और देश की पूर्व पीएम खालिदा जिया खराब सेहत की वजह से मुख्य राजनीति से बाहर हैं। शेख हसीना के कार्यकाल में तारिक रहमान देश से बाहर रहकर पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे। उन पर भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, मनी लॉन्ड्रिंग, अवैध संपत्ति हासिल करने और ग्रेनेड हमलों सहित कई आरोप थे। कई मामलों में बांग्लादेश की अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था, लेकिन हसीना सरकार के गिरने के बाद रहमान के सामने कानूनी बाधाएं दूर हो गई हैं, जिससे उनकी वापसी का रास्ता साफ हो गया है।
रहमान का भारत को लेकर क्या है रूख?
तारिक रहमान और BNP को भारत विरोधी पार्टी के तौर पर देखा जाता रहा है। विदेश नीति और तिस्ता जल बंटवारे को लेकर तारिक रहमान कई बार भारत विरोधी बयान दे चुके हैं। जुलाई ओक्या यानी जुलाई क्रांति और हसीना की सरकार गिरने के बाद तारिक ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ भी करीबी रिश्ते बनाने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा, “न दिल्ली, न पिंडी, न कोई और देश। सबसे पहले बांग्लादेश।”
जमात का उभार भारत के लिए सिरदर्द
पाकिस्तान की ISI बांग्लादेश की अस्थिरता और शेख हसीना की गैर मौजूदगी का फायदा उठाने में जुटा हुआ है। बांग्लादेश में मौजूद जमात ए इस्लामी संगठन का पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी के साथ रिश्ते काफी मजबूत हैं। जमात के जरिए पाकिस्तान ढाका में अपनी पैठ मजबूत करने में जुटा हुआ है। इसके साथ ही, कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा बढ़ावा देते हुए वहां आतंकियों को घुसपैठ कराने में जुटा हुआ है।
इसके साथ ही, जमात के साथ पूर्वोत्तर भारत के उग्रवादियों से भी रिश्ते रहे हैं। हाल ही में जानकारी सामने आई थी कि पूर्वोत्तर भारत के बड़े उग्रवादियों में से एक परेश बरुआ को ISI ढाका में प्लांट करना चाहती है। ताकि वह जमात और अन्य कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा वाले लोगों के साथ मिलकर पूर्वोत्तर भारत को अस्थिर कर सके।




(@satyavachane)