सोनीपत में साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां ऑनलाइन जॉब और बिडिंग के नाम पर एक युवक से करीब 15 लाख रुपए की ठगी कर ली गई। पुलिस ने शिकायत पर साइबर क्राइम थाना सोनीपत में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। गन्नौर के गांव पुरखास के रहने वाले कुलदीप ने साइबर थाना पुलिस को शिकायत में बताया कि 26 नवंबर 2025 को उसके मोबाइल पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम के माध्यम से ऑनलाइन जॉब का ऑफर आया। टेलीग्राम पर उसकी बातचीत सोनल नामक महिला से हुई, जिसने खुद को आजमगढ़ उत्तर प्रदेश का निवासी बताया।
द रॉयल मिनट कंपनी के नाम पर भरोसा बनाया आरोपी महिला ने बताया कि वह द रॉयल मिनट कंपनी के साथ काम करती है, जो यूनाइटेड किंगडम की कंपनी है और सोने-चांदी के सिक्के व बार बनाकर उन्हें ऑनलाइन नीलामी के लिए प्रदर्शित करती है। पीड़ित को ऑनलाइन बिडिंग एडवाइजर का काम बताया गया और कम समय में अच्छी कमाई का लालच दिया गया। फर्जी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाया ठगों ने पीड़ित को एक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाया और बताया कि कंपनी की ओर से उसकी आईडी में 10 हजार रुपये का सपोर्ट फंड डाला गया है। इसके बाद बिडिंग के नाम पर बैंक खाता विवरण जोड़ने के लिए कहा गया, ताकि मुनाफे की राशि खाते में ट्रांसफर की जा सके। कंपनी के टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा इसके बाद पीड़ित को द रॉयल मिनट – 8532 नामक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया। कुछ समय बाद बताया गया कि सपोर्ट फंड खत्म हो गया है और दो हजार रुपये की छूट के साथ आठ हजार रुपये जमा करने को कहा गया। फाइनेंशियल टीम के नाम पर पैसे जमा कराए लगातार मैसेज और दबाव के बाद आरोपियों ने फाइनेंशियल टीम के नाम से अलग-अलग टेलीग्राम अकाउंट भेजे, जिनके जरिए बैंक खातों की जानकारी दी गई। पीड़ित ने 3 दिसंबर से 11 दिसंबर 2025 के बीच पंजाब नेशनल बैंक खाते से अलग-अलग खातों में कुल 15 लाख 4 हजार 930 रुपए ट्रांसफर कर दिए।
कुछ समय बाद संपर्क बंद होने पर पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद उसने 1930 हेल्पलाइन पर कॉल कर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई और साइबर क्राइम थाना सोनीपत में लिखित शिकायत दी।
साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज
पीड़ित की शिकायत के आधार पर थाना साइबर क्राइम सोनीपत में मामला धारा 318(4), 336(3), 338, 340, 61 बीएनएस के तहत दर्ज किया गया है। केस की आगे की जांच एएसआई नवीन को सौंपी गई है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


