Rohit Sharma, Vijay Hazare Trophy 2025-26: क्रिसमस की पूर्व शाम पर सवाई मानसिंह स्टेडियम (SMS) ने अपना ही एक उत्सव मना लिया। मुंबई और सिक्किम के बीच विजय हज़ारे ट्रॉफी (VHT) 2025-26 के एलिट ग्रुप का मुक़ाबला जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) स्टेडियम में खेला गया। वीक डे होने की वजह से इस मुक़ाबले में कम दर्शकों के आने की उम्मीद थी। क्योंकि न यह मुक़ाबला राजस्थान टीम का था और न ही कोई हाईवोल्टेज मुक़ाबला था।
स्कोर बोर्ड के ऊपर लटक -लटक कर बैठे लोग
स्टेडियम में एक भी कुर्सी खाली नहीं बची थी, ड्रेसिंग रूम के पास का एक हिस्सा केवल सुरक्षा कारणों से खाली रखा गया था। बावजूद इसके इस मुक़ाबले को 20 हज़ार से ज्यादा लोग देखें पहुंचे। स्टेडियम में आलम यह था कि दर्शक सीट कम पड़ने पर पुराने स्कोर बोर्ड के ऊपर लटक -लटक कर बैठ गए। फैंस का यह जुनून सिर्फ रोहित शर्मा को खेलता देखने के लिए था।
चार घंटे के इंतज़ार के बाद जब रोहित शर्मा बल्लेबाज़ी
मुंबई पहले गेंदबाजी कर रही थी। ऐसे में फैंस को रोहित की बल्लेबाजी देखने के लिए चार घंटे का इंतेजर करना पड़ा। लेकिन चार घंटे के इंतज़ार के बाद जब रोहित शर्मा बल्लेबाज़ी करने उतरे, तो दर्शक खुशी से झूम उठे। दूसरी ही ओवर में जब रोहित ने लेंथ गेंद पर घूमकर पहला छक्का जड़ा और गेंद दर्शकों के बीच जा गिरी, तो शोर कान फाड़ देने वाला था। एक ओवर बाद उन्होंने फुलर गेंद को झुककर उठाया और बैकवर्ड स्क्वायर लेग के ऊपर से गेंद को उड़ा दिया, गेंद सीधे स्टेडियम के भीतर स्थित राजस्थान स्पोर्ट्स काउंसिल के दफ्तरों में जा गिरी। इस दफ्तर की इमारत की छत पर भी सैकड़ों की संख्या में दर्शक बैठे थे।
रोहित ने जड़ा तूफानी शतक
इस मैच को देखने के लिए किसी ने ऑफिस से छुट्टी ली थी, तो किसी ने कॉलेज बंक किया। रोहित की यह पारी सिर्फ रन बनाने तक सीमित नहीं थी, बल्कि एक लाइव कॉन्सर्ट जैसी लग रही थी। इस मैच में सिक्किम के गेंदबाज़ रोहित के सामने पूरी तरह दबाव में दिखे। रोहित ने केवल 62 गेंदों में शतक पूरा किया और 93 गेंदों में 155 रन की यादगार पारी खेली, जिसमें 18 चौके और 9 छक्के शामिल थे।
ऐसा ही कुछ दिल्ली में भी हुआ था
यह दृश्य जनवरी की याद दिलाने वाले थे, जब 12,000 से अधिक दर्शक फिरोज़शाह कोटला में विराट कोहली को रणजी मैच खेलते देखने उमड़ पड़े थे, सफेद जर्सी में यह उनका आखिरी मुकाबला था। कोहली भी कल विजय हज़ारे ट्रॉफी का एक मुक़ाबला खेल रहे थे। एक ऐसे शहर में जो उनके लिए दीवाना है। फर्क सिर्फ इतना था कि बेंगलुरु में वह मैच बंद दरवाज़ों के पीछे खेला गया, जबकि जयपुर के प्रशंसकों की किस्मत ने उनका साथ दिया।


