पूर्णिया में जमीन और राजस्व से जुड़े लंबे समय से अटके मामलों के समाधान के लिए 26 दिसंबर को भूमि सुधार जन कल्याण संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। बिहार के डिप्टी सीएम और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा आम लोगों से मिलेंगे और उनकी समस्याएं सुनेंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है। बुधवार को जिलाधिकारी अंशुल कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित महानंदा सभागार में अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को साफ निर्देश दिया गया कि आम जनता को किसी भी तरह की परेशानी न हो और हर शिकायत का समाधान गंभीरता से किया जाए। अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी मौजूद रहेंगे यह कार्यक्रम दो पालियों में प्रेक्षागृह सह आर्ट गैलरी में होगा। पहली पाली में सुबह 11 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक आम जनता से सीधा संवाद करेंगे। इस दौरान जमीन से जुड़ी समस्याओं पर खुलकर बात होगी। दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस, ई-मापी और अन्य ऑनलाइन सेवाओं को लेकर जो भी दिक्कतें लोगों को हो रही हैं, उन्हें मौके पर ही सुना जाएगा। खास बात यह है कि अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी शिकायतकर्ता के सामने बैठेंगे, ताकि समस्या को ठीक से समझा जा सके और तुरंत समाधान की दिशा तय हो सके। कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों का रजिस्ट्रेशन सुबह 9 बजे से 10:30 बजे तक किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन अंचल के अनुसार होगा। आवेदन में नाम, पूरा पता और मोबाइल नंबर लिखना जरूरी होगा। इससे लोगों को उनकी शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी मोबाइल मैसेज के जरिए मिलती रहेगी। विस्तार से समीक्षा की जाएगी दूसरी पाली में दोपहर 3:30 बजे से 5 बजे तक समाहरणालय के महानंदा सभागार में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक होगी। इस बैठक में जिले के सभी वरीय अधिकारी, भूमि सुधार से जुड़े पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी शामिल होंगे। बैठक में जिले में चल रही दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस, ई-मापी और अन्य ऑनलाइन सेवाओं की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की जाएगी। साथ ही अभियान बसेरा-2 की प्रगति पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। डीएम अंशुल कुमार ने कहा कि भूमि सुधार जन कल्याण संवाद के जरिए सरकार का उद्देश्य जमीन से जुड़ी सेवाएं समय पर और सही तरीके से लोगों तक पहुंचाना है। भूमि रिकॉर्ड अपडेट करना और जमीन विवाद कम से कम करना है। इससे न सिर्फ आम लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि प्रशासन भी ज्यादा पारदर्शी, संवेदनशील और जवाबदेह बनेगा। ये कार्यक्रम उन लोगों के लिए खास मौका है, जो लंबे समय से जमीन से जुड़े मामलों को लेकर परेशान हैं और समाधान का इंतजार कर रहे हैं। पूर्णिया में जमीन और राजस्व से जुड़े लंबे समय से अटके मामलों के समाधान के लिए 26 दिसंबर को भूमि सुधार जन कल्याण संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। बिहार के डिप्टी सीएम और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा आम लोगों से मिलेंगे और उनकी समस्याएं सुनेंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है। बुधवार को जिलाधिकारी अंशुल कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित महानंदा सभागार में अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को साफ निर्देश दिया गया कि आम जनता को किसी भी तरह की परेशानी न हो और हर शिकायत का समाधान गंभीरता से किया जाए। अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी मौजूद रहेंगे यह कार्यक्रम दो पालियों में प्रेक्षागृह सह आर्ट गैलरी में होगा। पहली पाली में सुबह 11 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक आम जनता से सीधा संवाद करेंगे। इस दौरान जमीन से जुड़ी समस्याओं पर खुलकर बात होगी। दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस, ई-मापी और अन्य ऑनलाइन सेवाओं को लेकर जो भी दिक्कतें लोगों को हो रही हैं, उन्हें मौके पर ही सुना जाएगा। खास बात यह है कि अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी शिकायतकर्ता के सामने बैठेंगे, ताकि समस्या को ठीक से समझा जा सके और तुरंत समाधान की दिशा तय हो सके। कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों का रजिस्ट्रेशन सुबह 9 बजे से 10:30 बजे तक किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन अंचल के अनुसार होगा। आवेदन में नाम, पूरा पता और मोबाइल नंबर लिखना जरूरी होगा। इससे लोगों को उनकी शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी मोबाइल मैसेज के जरिए मिलती रहेगी। विस्तार से समीक्षा की जाएगी दूसरी पाली में दोपहर 3:30 बजे से 5 बजे तक समाहरणालय के महानंदा सभागार में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक होगी। इस बैठक में जिले के सभी वरीय अधिकारी, भूमि सुधार से जुड़े पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी शामिल होंगे। बैठक में जिले में चल रही दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस, ई-मापी और अन्य ऑनलाइन सेवाओं की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की जाएगी। साथ ही अभियान बसेरा-2 की प्रगति पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। डीएम अंशुल कुमार ने कहा कि भूमि सुधार जन कल्याण संवाद के जरिए सरकार का उद्देश्य जमीन से जुड़ी सेवाएं समय पर और सही तरीके से लोगों तक पहुंचाना है। भूमि रिकॉर्ड अपडेट करना और जमीन विवाद कम से कम करना है। इससे न सिर्फ आम लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि प्रशासन भी ज्यादा पारदर्शी, संवेदनशील और जवाबदेह बनेगा। ये कार्यक्रम उन लोगों के लिए खास मौका है, जो लंबे समय से जमीन से जुड़े मामलों को लेकर परेशान हैं और समाधान का इंतजार कर रहे हैं।


