कमजोरी को बनाया हथियार, इंटरनेशनल बुक में रिकॉर्ड दर्ज:बचपन से हकलाता, 83 सेकेंड में काउंट की 193 कंट्री, गुरुकुल कुरुक्षेत्र में 10वीं का स्टूडेंट

कमजोरी को बनाया हथियार, इंटरनेशनल बुक में रिकॉर्ड दर्ज:बचपन से हकलाता, 83 सेकेंड में काउंट की 193 कंट्री, गुरुकुल कुरुक्षेत्र में 10वीं का स्टूडेंट

हरियाणा के गुरुकुल कुरुक्षेत्र के 10वीं क्लास के स्टूडेंट ने अपनी कमजोरी को हथियार बना लिया। हकलाने (stuttering) की समस्या के बावजूद स्टूडेंट ने बोलने में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। उसका रिकॉर्ड इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल हो गया। गुरुकुल कुरुक्षेत्र में पढ़ने वाले हर्षित आर्यन (15) ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में शामिल 193 देशों के नाम सबसे कम समय में बोलने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इन देशों के नाम को बोलने में हर्षित ने सिर्फ 1 मिनट 22 सेकेंड और 91 मिली सेकेंड लिए। हर्षित मूल रूप से बिहार के जिला सारण के छपरा का रहने वाला है। बचपन से हकलाने की समस्या इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के फाउंडर एवं सीईओ पंकज विग ने इसे आधिकारिक तौर पर मान्यता दी। हर्षित को बचपन से हकलाने की समस्या है, लेकिन उसने अपनी कमजोरी को खुद पर हावी नहीं होने दिया। उसने हकलाते हुए इस काम को रिकॉर्ड के साथ पूरा किया। दोस्तों ने किया सपोर्ट- हर्षित दैनिक भास्कर एप से बातचीत करते हुए हर्षित ने बताया कि उसे बचपन से हकलाने की समस्या है। इस समस्या के कारण उसे किसी से बात करने में भी झिझक होती थी। किसी मंच और स्टेज पर उसने कभी बोलने की सोचा भी नहीं था, लेकिन उसके दोस्तों ने उसे काफी सपोर्ट किया। वर्ल्ड मैप को देखकर तैयारी की हर्षित ने बताया कि उसके दोस्तों ने उसे इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के बारे में जानकारी दी। तब उसने खुद के लिए कम समय में यूएन के सब देशों के नाम कम समय बोलने का चैलेंज लिया। उसने 27 अक्टूबर को अपने लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर दिया। उसने वर्ल्ड मैप को देखकर तैयारी शुरू कर दी। 1 सप्ताह में तैयारी की उसने एक सप्ताह सुबह और शाम तैयारी करके खुद को तैयार किया। इसमें उसके दोस्तों ने काफी मदद की। वह उनको हर रोज देशों के नाम बोलकर सुनाता था। वह बीच में हकलाने के कारण अटकता था, लेकिन दोस्त उसका हौसला बढ़ाते रहते थे। 31 अक्टूबर को चैलेंज पूरा किया करीब 2 महीने 31 अक्टूबर को ऑनलाइन इस चैलेंज पूरा किया। 27 नवंबर को इसका रिजल्ट आउट हुआ, जिसमें उसने सबसे कम समय में ये कारनामा कर दिखाया। कल ही इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की तरफ से उसका मेडल और सर्टिफिकेट उसे मिला। पिता आर्मी से रिटायर हर्षित ने बताया कि उसके पिता नंद लाल यादव आर्मी से जूनियर कमांडेंट ऑफिसर (JCO) से रिटायर हैं। फिलहाल बिहार पुलिस में डायल-112 पर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। उसकी मां प्रमिला टीचर हैं और उसका छोटा भाई अर्णव नौवीं क्लास में गुरुकुल कुरुक्षेत्र में पढ़ता है। IAS बनकर करुंगा देश सेवा हर्षित ने बताया कि वह IAS (इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस) बनना चाहता है। अभी से वह UPSC (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) की तैयारी कर रहा है। इस चैलेंज को भी उसने UPSC के एग्जाम की तरह लिया था। मुझे पूरा भरोसा है कि मैं IAS जरूर बनूंगा। हरियाणा के गुरुकुल कुरुक्षेत्र के 10वीं क्लास के स्टूडेंट ने अपनी कमजोरी को हथियार बना लिया। हकलाने (stuttering) की समस्या के बावजूद स्टूडेंट ने बोलने में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। उसका रिकॉर्ड इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल हो गया। गुरुकुल कुरुक्षेत्र में पढ़ने वाले हर्षित आर्यन (15) ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में शामिल 193 देशों के नाम सबसे कम समय में बोलने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इन देशों के नाम को बोलने में हर्षित ने सिर्फ 1 मिनट 22 सेकेंड और 91 मिली सेकेंड लिए। हर्षित मूल रूप से बिहार के जिला सारण के छपरा का रहने वाला है। बचपन से हकलाने की समस्या इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के फाउंडर एवं सीईओ पंकज विग ने इसे आधिकारिक तौर पर मान्यता दी। हर्षित को बचपन से हकलाने की समस्या है, लेकिन उसने अपनी कमजोरी को खुद पर हावी नहीं होने दिया। उसने हकलाते हुए इस काम को रिकॉर्ड के साथ पूरा किया। दोस्तों ने किया सपोर्ट- हर्षित दैनिक भास्कर एप से बातचीत करते हुए हर्षित ने बताया कि उसे बचपन से हकलाने की समस्या है। इस समस्या के कारण उसे किसी से बात करने में भी झिझक होती थी। किसी मंच और स्टेज पर उसने कभी बोलने की सोचा भी नहीं था, लेकिन उसके दोस्तों ने उसे काफी सपोर्ट किया। वर्ल्ड मैप को देखकर तैयारी की हर्षित ने बताया कि उसके दोस्तों ने उसे इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के बारे में जानकारी दी। तब उसने खुद के लिए कम समय में यूएन के सब देशों के नाम कम समय बोलने का चैलेंज लिया। उसने 27 अक्टूबर को अपने लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर दिया। उसने वर्ल्ड मैप को देखकर तैयारी शुरू कर दी। 1 सप्ताह में तैयारी की उसने एक सप्ताह सुबह और शाम तैयारी करके खुद को तैयार किया। इसमें उसके दोस्तों ने काफी मदद की। वह उनको हर रोज देशों के नाम बोलकर सुनाता था। वह बीच में हकलाने के कारण अटकता था, लेकिन दोस्त उसका हौसला बढ़ाते रहते थे। 31 अक्टूबर को चैलेंज पूरा किया करीब 2 महीने 31 अक्टूबर को ऑनलाइन इस चैलेंज पूरा किया। 27 नवंबर को इसका रिजल्ट आउट हुआ, जिसमें उसने सबसे कम समय में ये कारनामा कर दिखाया। कल ही इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की तरफ से उसका मेडल और सर्टिफिकेट उसे मिला। पिता आर्मी से रिटायर हर्षित ने बताया कि उसके पिता नंद लाल यादव आर्मी से जूनियर कमांडेंट ऑफिसर (JCO) से रिटायर हैं। फिलहाल बिहार पुलिस में डायल-112 पर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। उसकी मां प्रमिला टीचर हैं और उसका छोटा भाई अर्णव नौवीं क्लास में गुरुकुल कुरुक्षेत्र में पढ़ता है। IAS बनकर करुंगा देश सेवा हर्षित ने बताया कि वह IAS (इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस) बनना चाहता है। अभी से वह UPSC (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) की तैयारी कर रहा है। इस चैलेंज को भी उसने UPSC के एग्जाम की तरह लिया था। मुझे पूरा भरोसा है कि मैं IAS जरूर बनूंगा।  

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