बरेली। स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम चाहे जितने दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत बदहाली की तस्वीर पेश कर रही है। नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य के औचक निरीक्षण में शहर की साफ-सफाई की पोल खुल गई। मेजर रोड से लेकर गलियों तक गंदगी, गोबर के ढेर और छुट्टा पशु नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल बनकर खड़े मिले।
बुधवार सुबह-सुबह नगर आयुक्त ने सबसे पहले नौमहला वार्ड का रुख किया। कुछ गलियों में झाड़ू तो चली हुई दिखी, लेकिन नालियों में जमी गंदगी ने सारी सफाई पर पानी फेर दिया। नालियों से उठती बदबू और जमा कचरे को देख नगर आयुक्त का पारा चढ़ गया और मौके पर ही अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
इसके बाद चौपला रोड से पटेल चौक तक मेजर रोड का निरीक्षण किया गया। यहां हालात और भी शर्मनाक निकले। सड़क किनारे गोबर के ढेर, इधर-उधर घूमते छुट्टा पशु और फैली गंदगी देखकर नगर आयुक्त ने साफ शब्दों में कहा कि ऐसी हालत में स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग की उम्मीद करना खुद को धोखा देने जैसा है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा गया कि अब सिर्फ नोटिस नहीं, सीधी कार्रवाई होगी।
निरीक्षण के दौरान मढ़ीनाथ क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़क का भी जायजा लिया गया। नगर आयुक्त ने संबंधित एजेंसी को दो टूक निर्देश दिए कि घटिया काम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और तय समय में गुणवत्तापूर्ण निर्माण पूरा किया जाए, वरना जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई तय है। निरीक्षण के समय एक्सईएन राजीव कुमार राठी भी मौजूद रहे। नगर आयुक्त का साफ संदेश है कि अब लापरवाही नहीं चलेगी। अगर शहर की सूरत नहीं सुधरी तो अफसरों पर गाज गिरना तय है।


